Pramod Upadhyay
Hazaribagh: हजारीबाग राष्ट्रीय बचत कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में है. यहां के अधिकारी मनोज दूबे चतरा, गुमला, हजारीबाग, कोडरमा और रांची कार्यालय के प्रभार में है. इसमें हजारीबाग वासियों को काम में काफी परेशानी हो रही है और एजेंट के भरोसे कार्यालय चल रहा है. बचत खाता के कार्यपालक सप्ताह में यहां दो दिन बैठते हैं.
राष्ट्रीय बचत कार्यालय के कर्मी कौशल सिंह कहते हैं कि पिछले 2021 से एजेंटों के लाइसेंस के लिए फाइल लटका हुआ है. अभी सितंबर माह में एक सौ लाइसेंस बनाने के लिए दिए हैं, जिस पर हस्ताक्षर नहीं हुआ है. कई एजेंट काम कर रहे हैं, जिन्हें कमीशन दिया जाता है. इधर हजारीबाग कार्यालय में एजेंटों के कागज इधर-उधर फेंके हुए हैं. कार्यालय के पदाधिकारी मनोज दुबे सप्ताह में दो दिन शनिवार और शुक्रवार को कार्यालय आते हैं.
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इधर हजारीबाग कार्यालय में एक प्रमंडलीय कार्यालय से आए कर्मी एवं एक बचत कार्यालय के कर्मी उपेंद्र कुमार कार्यालय में रहते हैं. उन्हें भी अक्सर काम से बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में न तो ग्राहकों और न ही एजेंटों के काम सही समय पर तरीके से हो रहे हैं. जिला बचत पदाधिकारी मनोज दूबे ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है और उन्होंने इसका प्रभार दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब यह कार्यालय जल्द बंद होगा. सरकार ने इस पर फैसला ले लिया है. अब जिले में बचत और लेखा कार्यालय एक से डेढ़ माह में बंद हो जाएंगे. इन दोनों की जगह एक कार्यालय होगा. वहीं से सबका काम होगा. जितने भी लंबित कार्य हैं, सभी निबटाए जा रहे हैं.
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