कोई प्रधानमंत्री मोदी को बता रहा चौकीदार तो कोई राहुल गांधी को गरीबों का मसीहा कह कर जनता से मांग रहा वोट
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : लोकसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशियों का वोट मांगने का तरीका एकदम बदल गया है. अब प्रत्याशी अपनी उपलब्धियों या कार्यक्रमों की बात न कर अपनी पार्टी के शीर्ष नेता के नाम पर जनता से वोट मांग रहे हैं. अगर प्रत्याशी अतीत में अपने-अपने क्षेत्र में विकास कार्य किए होते तो आज वह अपनी छवि के साथ मतदाताओं के बीच जाकर अपने लिये समर्थन मांग सकते थे. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नाम का सहारा नहीं लेना पड़ता. नेताओं के कामकाज का ट्रैक रिकॉर्ड सही होता तो आज उन्हें मतदाताओं की खरी खोटी नहीं सुननी पड़ती और जनता चुनाव बहिष्कार की घोषणा नहीं करती. ऐसा नहीं है कि मतदाता चांद-सूरज लाने की मांग करते हैं, बल्कि वे सड़क, नाली, गली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की ही मांग करते हैं.
हम बात कर रहे हैं हजारीबाग व कोडरमा लोकसभा क्षेत्रों की. दोनों लोकसभा क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि जब चुनाव आता है तो नेताजी सही-गलत अपनी उपलब्धियों को गिनाना शुरू कर देते हैं. कोई प्रधानमंत्री की तारीफ करता है. तो कोई राहुल गांधी का नाम लेकर संसद पहुंचना चाहता है. लेकिन इस बार उन्हें केंद्रीय नेताओं का नाम लेने से वोट नहीं मिलेगा, बल्कि इनके लोकसभा क्षेत्र का विकास देखा जाएगा. इसके बाद जनता खुद तय करेगी कि किसको समर्थन देना है और किसको नहीं.
ग्रामीणों को भी मिलनी चाहिए मान-प्रतिष्ठा
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के इचाक प्रखंड स्थित मुकतमा निवासी गायत्री देवी ने कहा कि ग्रामीणों को भी मान-सम्मान मिलना चाहिए. चुनाव के समय नेताजी हाथ पांव भी पकड़ लेते हैं, लेकिन जीतने के बाद वह गरीब की बात नहीं सुनते, न ही सीधी बात करते हैं. इसके लिए वह प्रतिनिधियों को लगा देते हैं और प्रतिनिधि गरीब जनता का काम नहीं करते, बल्कि सांसद को झूठी कहानी सुना देता है. ऐसे में चुनाव जीतने के बाद चुने गए सांसद को भी समझना चाहिए कि जिनके समर्थन से वह चुनाव जीतते हैं, वही आम लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
योग्य उम्मीदवार को मौका मिलना चाहिए
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार जयप्रकाश वर्मा ने बताया कि कोडरमा और हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में जनता को सिंबल दिखाकर गुमराह कर दिया जाता है. अगर इनके पांच साल के कार्यकाल की उपलब्धि देखी जाए तो केवल बड़ी-बड़ी बिल्डिंग दिखेगी, जिससे उनका कमीशन बनता है. उन्होंने यह भी कहा कि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो कई गांवों को सांसद ने गोद लिया. उसके बावजूद ग्रामीण मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. कई जगहों पर तो ग्रामीणों ने विकास नहीं होने पर आवाज बुलंद करते हुए चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है. फिर अब चुनाव में सिंबल को ही मुद्दा बनाया जा रहा है और ग्रामीणों को गुमराह किया जा रहा है. सच्चाई है कि प्रत्येक वर्ष सांसद को फंड मिलता है. कई बार तो सांसद का फंड ऑडिट के समय वापस हो जाता है. अगर योग्य, शिक्षित व ईमानदार प्रत्याशी को मौका दिया जाए तो क्षेत्र का विकास हो सकता है.
नेताजी छोटे-छोटे गांवों को करते हैं अनदेखा
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के इचाक प्रखंड निवासी रेखा देवी ने बताया कि नेताजी बड़े-बड़े क्षेत्र में दौरा करते हैं, जहां वोटरों पर उनकी अच्छी पकड़ होती है, लेकिन छोटे-छोटे गांवों में वह जाने से भी कतराते हैं. नेताजी यह जानते हैं कि छोटे-छोटे गांव वाले तो चर्चित सिंबल पर ही अपना वोट करेंगे. बड़े गांव को ही पकड़ कर रखना है और यही कारण है कि उन्हें यह पता नहीं चल पाता है कि लोकसभा क्षेत्र के अंदर छोटे-छोटे गांव भी हैं जो मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.
कोई अपनी उपलब्धि पर वोट नहीं मांग रहा
कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के बरकट्ठा वेलकम निवासी अभिषेक कुमार ने बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी तो अपनी बात करते ही नहीं. कोई गांधी परिवार को गरीबों का मसीहा बता कर चुनाव जीतना चाहता है तो कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चौकीदार कहकर अपनी चुनावी वैतरणी पार करना चाहता है. कोई अपनी उपलब्धि पर वोट नहीं मांग रहा है. सच्चाई यह है कि क्षेत्र में नेताजी ने कोई ऐसा काम किया ही नहीं है, जिसके आधार पर वह जनता से वोट मांग सके. ऐसे में वह ग्रामीणों को गुमराह करने में लगे हैं और देश का विकास करने की बात करते हैं.
विभाजन की बात कर जीतना चाहते हैं नेताजी
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के चौपारण ताजपुर निवासी शमशाद खान ने बताया कि अगर झूठ बोलना सीखना है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में नेताजी का भाषण सुनिए. आपको खुद पता चल जाएगा. प्रत्याशी विकास का एजेंडा लेकर प्रचार-प्रसार नहीं करते, बल्कि वह जात-पात और समुदाय की बात कह कर चुनाव जीतना चाहते हैं. ऐसे में जनता को समझने की जरूरत है.
प्रतिनिधि के भरोसे क्षेत्र में होता है काम
केरेडारी प्रखंड के जोरदाग निवासी देवंती देवी ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद नेताजी दिल्ली, मुंबई और विदेश की यात्रा पर रहते हैं और क्षेत्र में वह सांसद प्रतिनिधि को छोड़ देते हैं, जो जनता के लिए काम नहीं, बल्कि अपना ही विकास करवाता है. अगर नेताजी की तरफ से कोई फंड दिया भी गया तो प्रतिनिधि खुद ठेकेदार बन जाता है और व्यक्तिगत लाभ लेने का प्रयास करता है. यही कारण है कि क्षेत्र में विकास नहीं हो पाता है.
इसे भी पढ़ें : सम्राट के बयान पर रोहिणी का करारा जवाब, पहले बिहारी, फिर बिहारी बहू, अब छपरा की बेटी हूं
Leave a Reply