- झारखंड को कृषि-व्यवसाय केंद्र के रूप में किया जाएगा स्थापित
- भोजन और चारे में तकनीकी उन्नयन और क्षमता वृद्धि को दिया जाएगा बढ़ावा
- राज्य सरकार का किसानों की आय बढ़ाने पर है जोर
- परिवहन में दी जाएगा सब्सिडी
Ranchi: झारखंड खाद्य एवं चारा प्रसंस्करण उद्योग नीति के तरह वर्ष 2028 तक 1500 करोड़ रुपए निवेश किया जाएगा. इसके तहत एक सक्षम ढांचा बना कर झारखंड को वैश्विक कृषि प्रसंस्करण केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा. इस नीति में किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ खाद्य और चारा प्रसंस्करण उद्योग में वृद्धि पर जोर दिया गया है. ताकि झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कृषि व्यवसाय केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके.
20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार
इस नीति के तहत भोजन और चारा क्षेत्र में कम से कम 20, 000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार देने की बात कही गई है. नीति में यह भी कहा गया है कि झारखंड में बंदरगाह नहीं होने के कारण रेल सड़क और हवाई मार्ग से परिवहन लागत बढ़ जाती है. इस कारण निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यातकों की लागत के आधार परिवहन सब्सिडी दी जाएगी. एक निर्यातक के लिए एक वित्तीय वर्ष में सब्सिडी की राशि 20 लाख रुपए से अधिक नहीं होगी. सब्सिडी की प्रतिपूर्ति बिल ऑफ लैडिंग (बीओएल) के विरुद्ध की जाएगी.
क्या है नीति का उद्देश्य
कृषि-व्यवसाय, खाद्य में नई आधुनिकीकृत और संवर्धित इकाइयों के माध्यम से निवेश को आकर्षित करना
प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाना और मूल्यवर्धन करना
फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना
निर्बाध ”फार्म-टू-फोर्क” के लिए झारखंड में टिकाऊ बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण
प्रौद्योगिकी उन्नयन और परिणामी संचालन दक्षता
खाद्य और चारा प्रसंस्करण को प्रभावित करने वाले मौजूदा बुनियादी ढांचे के अंतराल को पहचानना
खाद्य और चारा प्रसंस्करण में रोजगार पैदा करने के लिए उद्यमशीलता का विकास
एकीकृत कोल्ड चेन और संरक्षण बुनियादी सुविधाओं के निर्माण की सुविधा प्रदान करना
लघु वन उपज के प्रसंस्करण और स्वदेशी उपज को मुख्यधारा में लाने को बढ़ावा देना
जनजातीय समूहों, वनवासियों और अन्य कमजोर समुदायों की आय में वृद्धि करना
झारखंड में किस फसल का कितना उत्पादन
रबी फसल- 13.80 लाख मीट्रिक टन
खरीफ फसल- 59.71 लाख मीट्रिक टन
मिलेट- 14.34 हजार मीट्रिक टन
फल- 13.12 लाख मीट्रिक टन
सब्जी- 38.18 लाख मीट्रिक टन
मीट- 0.79 लाख मीट्रिक टन
अंडा- 0.88 बिलियन यूनिट
मछली-2.57 लाख मीट्रिक टन
वन उत्पाद- 73.71 मीट्रिक टन
एक जिला एक उत्पाद के तहत चिन्हित उत्पादों का प्रसंस्करण
जिला उत्पाद
देवघर – डेयरी प्रोडक्ट
दुमका – डेयरी प्रोडक्ट
पूर्वी सिंहभूम – काजू
हजारीबाग- गुड़
जामताड़ा- चावल
खूंटी- इमली
कोडरमा- रागी
लातेहार- महुआ
लोहरदगा- हरा मटर
पाकुड़- मीट प्रोसेसिंग
रांचीः मधु प्रसंस्करण
साहिबगंज- अचार
सरायकेला-खरसांवा- चिरौंजी
पश्चिमी सिंहभूम- शरीफा
बोकारो- चावल
चतरा- टमाटर
धनबाद- चावल
गढ़वा- मिर्चा
गिरिडीह- मक्का आधारित उत्पाद
गोड्डा – लोबिया
गुमला- आम के उत्पाद
पलामू- दाल
रामगढ़- आलू
सिमडेगा- कटहल