Hazaribagh: जिले में कई सालों से दृष्टिबाधित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने कार्य चल रहा है. यह कार्य झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग और साइटसेवर्स के सहयोग से किया जा रहा है. इसमें दृष्टिबाधित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने और समावेशी शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए कार्य किया जा रहा है. इसे लेकर बुधवार को शैक्षणिक प्रशासकों का एकदिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम होटल कैनरी इन में किया गया.
इस कार्यक्रम में हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा कायर्क्रम पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा प्रभाग के कार्यक्रम पदाधिकारी शामिल हुए. इस कार्यक्रम का उद्घाटन झारखंड राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी साइटसेवर्स डॉ. जीतेंद्र कुमार ने किया. कार्यक्रम में इनके अलावा जिला समावेशी शिक्षा प्रभाग प्रभारी, जिला सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी, संजय तिवारी, सर्वशिक्षा अभियान हजारीबाग एवं राज्य समावेशी शिक्षा सलाहकार चंदन सिंह मौजूद थे.
बताया गया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समुचित संसाधनों का प्रावधान कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने पर बल देना है. कार्यक्रम में साइटसेवर्स के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. जीतेंद्र कुमार ने जिले में संचालित नेत्र स्वास्थ्य, सामाजिक समावेश एवं समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया. उन्होंने समावेशी शिक्षा की उचित रणनीति एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को उचित अवसर प्रदान करने पर बल दिया.
चंदन सिंह ने दिव्यांगता के 21 प्रकारों के बारे में जानकारी दी. उनके विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक जरूरतों के बारे में बताया. उन्होंने इस बारे में चर्चा करते हुए बताया कि दिव्यांग बच्चों के पूर्ण विकास में उस शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है. साथ ही उसके लिए सरकारी प्रावधानों के बारे में बताया. संजय तिवारी ने बच्चों के पूर्ण विकास के लिए अभिभावकों की भागीदारी पर बल दिया. बच्चों के लिए संचालित राज्य सरकार के कार्यक्रमों में विद्यालयों में रैंप, सुगम्य शौचालय, एस्कॉर्ट ट्रांसपोर्ट और छात्रवृति योजना के बारे में जानकारी दी.
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कार्यक्रम में अविनाश कुमार जिला प्रतिनिधि, पिरामल फाउंडेशन ने स्कूलों में शिक्षण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षा में नवाचार आधारित कार्यक्रम के बारे में बताया. जिला शिक्षा विभाग से आये हुए अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने संबोधन में दृष्टिबाधित बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उनके अनुरूप शिक्षा प्रणाली पर बल दिया. समावेशी शिक्षा जिला कार्यक्रम समन्वयक सत्यजीत सिंह ने समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित गतिविधियों दिव्यांग बच्चों के प्रशिक्षण, सहायक उपकरण का वितरण, नि:शुल्क नेत्र जांच कार्यक्रम, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में पारसनाथ महतो, जिला समावेशी शिक्षा समन्वयक ने जिले में कार्यक्रम की सुचारू रूप से संचालन के लिए प्राप्त सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया.
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