Amarnath Pathak
Hazaribagh : कोर्ट का आदेश लोगों को राहत देने के लिए होता है. लेकिन अगर आदेश हजारीबाग डीएसई ऑफिस को मानना है, तो राहत की उम्मीद न के बराबर है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मिडिल स्कूलों के करीब दो दर्जन रिटायर्ड हेडमास्टर पेंशन आदि भुगतान के लिए डीएसई कार्यालय का चक्कर लगा हैं. डीएसई कार्यालय कोर्ट के आदेश की व्याख्या अपनी सुविधानुसार कर रहा है. जिन शिक्षकों का रिटायरमेंट के बाद भुगतान लंबित है, वह सभी 1980 के दशक में बहाल हुए थे और वर्ष 2010 से सेवानिवृत्त होते चले गए. करीब आधा दर्जन हेडमास्टर काल कवलित भी हो गए, पर उन्हें प्रोन्नत वेतनमान के आधार पर पेंशन आदि का भुगतान नहीं किया गया. इस संबंध में डीएसई संतोष गुप्ता कहते हैं कि कोर्ट के आदेश के अनुसार सिर्फ वसूली गई राशि का भुगतान होना है. पेंशन आदि के बारे में कोर्ट के आदेश में कहीं जिक्र नहीं है.
वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुए प्रधानाध्यापक रामदास गोप कहते हैं कि वर्ष 2003 में तत्कालीन डीएसई पोलीकॉर्प तिर्की ने सभी बीएड ट्रेंड शिक्षकों को प्रोन्नति दी थी. उसके बाद मिडिल स्कूल के करीब 26 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति दी गई थी. 18 दिसंबर 2007 में विभाग ने प्रक्रिया को गलत बता कर शिक्षकों की प्रोन्नति को रद्द कर दिया था. साथ ही प्रधानाध्यापक पद के अनुसार मिले वेतन की कटौती कर राशि वसूली का आदेश दे दिया. सभी शिक्षकों के वेतन से राशि की कटौती की गई. फिर शिक्षकों ने हाइकोर्ट का दामन थामा. नवंबर 2020 में हाइकोर्ट ने प्रोन्नति को सही करार देते हुए वसूली गई राशि के भुगतान का आदेश दिया.
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हाइकोर्ट के आदेश पर शिक्षक और डीएसई आमने-सामने
हाइकोर्ट के आदेश पर सेवानिवृत्त हेडमास्टर और झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) के कार्यकारिणी सदस्य रामदास गोप कहते हैं कि जब हाइकोर्ट ने विभाग के आदेश को क्वैश ( रद्द ) कर दिया, तो प्रोन्नत वेतनमान के आधार पर पेंशन आदि का भुगतान भी होना चाहिए. साथ ही 2008 के पहले की प्रोन्नति का लाभ भी मिलना चाहिए. क्योंकि विभाग का पूरा आदेश ही हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही पूर्व डीएसई पुष्पा कुजूर और जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक में भी पेंशन आदि के भुगतान की बात कही गई है. इधर डीएसई संतोष गुप्ता का कहना है कि उन्हें पेंशन आदि के भुगतान का आदेश नहीं है. सिर्फ वसूली गई राशि के भुगतान की बात कोर्ट में कही गई है.
विधि परामर्श लेने में क्या हर्ज ?
झारखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट का कहना है कि इस मामले में हाइकोर्ट में अवनमाननावाद भी दायर है. अगर डीएसई ऑफिस को इस मामले में कोई संशय है, तो हर जिले में सरकारी अधिवक्ता बहाल हैं. उनसे विधि परामर्श प्राप्त करने में क्या हर्ज है.
जिन शिक्षकों की मौत हो गई
शिवपुरी निवासी नर्मदेश्वर गुरु
चौपारण निवासी खेदन नायक
मंडई निवासी मो. उस्मान
जिनका भुगतान है लंबित
ग्वालटोली निवासी रामदास गोप
चतरा निवासी शिक्षक मो. मिन्नतुल्लाह
चुरचू के बलदेव सिंह
खपरियावां के नकुल सिंह
विष्णुगढ़ के रामनरेश कुमार
केरेडारी के विजय कुमार सिंह
बड़कागांव के सुरेश सिंह
लाखे निवासी हेडमास्टर मो. इकबाल अहमद
काशी विश्वनाथ
नंदलाल राम कुशवाहा
जगदीश राम
बसंत प्रसाद
चोहन महतो
नेहाल गोप
सुरेश प्रसाद सिंह
रामनरेश कुमार
ओमप्रकाश
भुगतान किया जाएगाः डीएसई
डीएसई संतोष गुप्ता कहते हैं कि शिक्षकों की वसूली गई राशि की गणना की जा रही है. गणना पूरी होते ही, उनकी वसूली गई राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.