घंटों लाइन में खड़े रहते हैं लोग, बंद हो जाती ही खिड़कियां, शाम में उठ जाते हैं डॉक्टर
Amarnath Pathak
Hazaribagh : हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सोमवार : दिन के 11:30 बजे. काउंटर पर पर्ची कटाने के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी थी. मगर पर्ची चेहरा देखकर और पहुंच पैरवी वालों का कट रहा था. इधर लाइन में लगे मरीजों के परिजन बेबस और परेशान दिखे.
लाइन में लगे लोगों का कहना है कि उनकी आवाज को दबा दिया जाता है. आम मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी तब और बढ़ जाती है, जब 12 बजते ही तीनों काउंटर की खिड़कियां बंद कर दी जाती है. काउंटरकर्मी कहते हैं कि अब लंच का वक्त हो गया. फिर तीन घंटे के बाद खिड़कियां खुलती है. घंटों मशक्कत के बाद मरीजों के नाम पुर्जा बनता है. अपराह्न 3:00 बजे से फिर पुर्जा कटना शुरू होता है. जब वार्ड में मरीजों को दिखाने के लिए जाते हैं, तब तक डॉक्टर उठ जाते हैं. लोगों का कहना है कि काउंटर पर कर्मियों की हुकूमत चलती है. मरीज के परिजन यहां बेबस बने रहते हैं. काउंटरकर्मी साइड से चेहरा देख कर पुर्जा काटते हैं. पहुंच-पैरवी, सगे-संबंधियों और जान-पहचान वालों को पहले पुर्जा दे दिया जाता है. हर रोज की यही कहानी है.
बता दें कि इन दिनों लू, पेचिस, डिहाइड्रेशन, सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की भीड़ लगी हुई है. इस भीषण गर्मी में मरीजों को इंतजार करना भी स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महंगा पड़ रहा है. इमरजेंसी सेवा में भी वैसी ही भीड़ का आलम है.
इलाज के लिए कल फिर आना होगा : फिरोज
कटकमदाग की सबीना खातून को डिहाइड्रेशन हुआ था. सोमवार को उनके परिजन दिन के 10 बजे से लाइन लगे. पुर्जा कटाने में विलंब हो गया. शाम 4.00 बजे पुर्जा मिला. सामान्य वार्ड से तब तक डॉक्टर उठ चुके थे. यह व्यथा बताते हुए फिरोज कहते हैं कि कल फिर आना होगा.
काउंटरकर्मी नहीं समझते मरीजों का दर्द : रामेश्वर
इचाक के देवकुली से पेचिश का इलाज कराने आए रामेश्वर मेहता कहते हैं कि मरीजों का दर्द काउंटरकर्मी नहीं समझते. उनकी पत्नी दिन के 11:15 बजे से घंटों लाइन में खड़ी रहीं, लेकिन पुर्जा लेते-लेते डॉक्टर की ड्यूटी खत्म हो गई. अब 3:30 बज गए. इमरजेंसी में भी काफी भीड़ रहने के कारण उन्हें हिम्मत नहीं है कि वहां फिर लाइन में लगकर इलाज कराएं.
लाइन से काउंटरकर्मियों को पुर्जा काटने का है निर्देश : अस्पताल अधीक्षक
अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद सिंह कहते हैं कि लाइन से काउंटरकर्मियों को पुर्जा काटने का निर्देश है. अगर काउंटरकर्मी आदेश का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई करेंगे. मरीज अथवा उसके परिजन उनके पास शिकायत दर्ज कराएं.
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