Hazaribagh: संत कोलंबा महाविद्यालय के प्राचार्य सुशील टोप्पो को महाविद्यालय के प्राचार्य पद से हटा दिया गया है. उन पर करीब 42 लाख के वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे. 2016 में यह मामला प्रकाश में आया था. जिसमें एक ऐसे बैंक खाते का पता चला था. जो विश्वविद्यालय के संज्ञान में नहीं था. और उसी खाते से 42 लाख की अवैध निकासी की गई थी. इसी मामले को लेकर प्राचार्य सुशील टोप्पो से पहले तो वित्तीय अधिकार छीन लिए गए. और आज उसी मामले में इन्हें निलंबित भी कर दिया गया है. विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने अपनी आज (सोमवार) की बैठक में यह फैसला लिया. उम्मीद जताई जा रही है कि उनके स्थान पर जे.आर.दास को प्रभारी प्राचार्य बनाया जाएगा.
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संत कोलंबा महाविद्यालय का गौरवशाली इतिहास
आपको बता दें कि सुशील जरा हंस के बाद संत कोलंबा महाविद्यालय के प्राचार्य सुशील टोप्पो नियुक्त किए गए थे. अपने पूरे कार्यकाल में सुशील कई मामलों में चर्चा में आते रहे और विवादास्पद भी रहे. जिस मिसलेनियस अकाउंट से पैसा निकाला गया था, वह अकाउंट महाविद्यालय परिसर के यूनाइटेड बैंक शाखा में था. 1831 खाता संख्या वाले इस खाते से ही लेन-देन किया गया था. इस खाते के लेन-देन पर पहले ही रोक लगा दी गई थी. उसके बावजूद इस खाते से 42 लाख रुपये निकाले गए.
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धीमी रही जांच प्रक्रिया, निलंबन में लगे 4 साल
मामला 2016 में प्रकाश में आने के बाद जांच की रफ्तार बहुत ही धीमी रही. लेकिन अब 4 साल बाद ही सही इस मामले पर सिंडिकेट ने उन्हें हटाने का फैसला लिया है. संत कोलंबा महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास में आज का दिन एक दाग की तरह होगा. कभी इस महाविद्यालय की धूम थी और पटना के बाद एकीकृत बिहार में इस महाविद्यालय का स्थान दूसरा था.
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