हजारीबाग के लगभग सभी जलाशयों में परंपरा के अनुसार किया गया मूर्तियों का विसर्जन
महज दो जगहों पर ही बनाए गए थे कृत्रिम जलाशय
चार जगह कृत्रिम जलाशय बनाने का किया था वादा
स्थानीय तालाब व नदियों में प्रतिमाएं की गईं विसर्जित
Gaurav Prakash
Hazaribagh: जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन की अपील को जिले की किसी भी दुर्गा पूजा समिति ने स्वीकार नहीं किया. सभी ने मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन परंपरागत जलस्रोतों में ही किया. जिला प्रशासन ने भी अपने वादे को पूरा नहीं किया. महज झील परिसर और जबरा तालाब के निकट कृत्रिम जलाशय बनाए गए, जबकि जिला प्रशासन ने चार जगह कृत्रिम जलाशय बनाने का वादा किया था.इनमें छठ तालाब परिसर और बुढ़वा महादेव तालाब भी चिह्नित किए गए थे. लेकिन, इन दोनों जगहों पर किसी भी तरह का वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया गया था.
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कृत्रिम जलाशयों में एक भी मूर्ति प्रवाहित नहीं की गई
वहीं, बनाए गए दो वैकल्पिक कृत्रिम जलाशयों में एक भी मूर्ति प्रवाहित नहीं की गई. उसके बगल में ही परंपरागत जल स्रोत जैसे झील और तालाब में मूर्तियां विसर्जित की गईं. हर वर्ष की तरह इस बार भी परंपरागत तरीके से ही झील, तालाब, बुढ़वा महादेव तालाब और जबरा तालाब में ही मूर्तियों का विसर्जन किया गया. सबसे बुरा हाल नवाबगंज छठ तालाब का है. यहां पानी भी कम है और तालाब के चारों ओर गंदगी ही गंदगी है. बुढ़वा महादेव मंदिर परिसर स्थित तालाब का भी वही हाल है. अब स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर चिंता है कि छठ आने को है, अगर नगर निगम तालाबों की साफ-सफाई नहीं कराएगा, तो श्रद्धालुओं को परेशानी होगी.
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धार्मिक भावनाओं की है बात, धीरे-धीरे होगा व्यवहार परिवर्तन : नगर आयुक्त
नवनियुक्त नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल का कहना है कि जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से अपील की थी. लेकिन यह धार्मिक भावनाओं की बात है. धीरे-धीरे ही व्यवहार परिवर्तन होगा. अगले साल फिर से ऐसा इंतजाम किया जाएगा, तो संभव है कि कुछ लोगों में जागरूकता आए. आने वाले दिनों में दीपावली और छठ दोनों त्योहार हैं. दोनों त्योहारों में जल प्रदूषित हो जाता है. कोशिश की जाएगी कि लोगों को जागरूक किया जाए. वहीं, उन्होंने कहा कि कृत्रिम जलाशय को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे, चूंकि उन्हें पदभार लिए हुए कुछ घंटे ही हुए हैं.