Hazaribagh : हजारीबाग शहर के सेवानिवृत्त मुस्लिम अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक मोहम्मद अली लाइब्रेरी में आयोजित की गई. इसकी अध्यक्षता डॉ एए फारूकी ने की. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि त्योहारों को हंसी-खुशी और प्यार से मनाया जाना चाहिए. ऐसे अवसरों में आमतौर पर झूठी अफवाहें फैलाई जाती हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव सीधे-सादे नागरिकों पर पड़ता है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखते हुए एक-दूसरे की सहयोग करना चाहिए. पूर्व उप श्रम आयुक्त शाह नवाज अहमद खान ने कहा कि श्रीराम की शिक्षा को लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए. उनके जीवन काल में कभी भी हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं रही है. शायर अल्लामा इकबाल ने उन्हें इमाम-उल-हिंद कहकर श्रद्धांजलि दी है.
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किसी धर्म में हिंसा की शिक्षा नहीं
मौके पर रिटायर्ड डीएसपी इरशाद अहमद खान ने कहा कि शायद अगर थोड़ा बहुत भूल-चूक हो जाती है, तो उसे अमन व शांति की खातिर दरकिनार करना चाहिए. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ अनवर मल्लिक ने कहा कि किसी भी त्योहार की खूबसूरती आपसी भाईचारे में ही है. किसी भी धर्म में हिंसा की शिक्षा नहीं दी गई है. मौके पर अधिवक्ता राजेंद्र सिंह ने कहा कि हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय रामनवमी और रमजान पर्व को अपने धर्म के अनुसार शांति और जिम्मेदारियों के साथ अच्छी नीयत और खुशी के साथ मनाना चाहिए. जिला प्रशासन अमन-चैन कायम करने का प्रयास कर रही है.
मौके पर ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार सैयद उबैदुल्लाह हाशमी, सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी नमूद आलम खान, सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद साबिर हुसैन, सेवानिवृत्त आडिटर अबुल फैज नटखट अजीमाबादी, मुहम्मद अली लाइब्रेरी के अध्यक्ष हाजी मुहम्मद इनामुद्दीन गड्डू, सचिव राशिद खान, मुहम्मद शकील बिहारी, इरफान अहमद काजू , साजिद हुसैन, रफत इमाम राजू, शाहनवाज उर्फ शनू खान, सैयद इरफान अहमद, सैयद तनवीर अहमद, प्रमोद सिंह, पत्रकार अनवर फिदवी आदि शामिल थे.
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