Gaurav Prakash
Hazaribagh: हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने गुरुवार को पोस्ट ग्रेजुएट टी-स्टॉल पर चाय की चुस्की ली. भाजपा फेम ‘चाय पर चर्चा’ तो आपने कई बार देखी और सुनी होगी, लेकिन इन दिनों हजारीबाग में पोस्ट ग्रेजुएट टी-स्टॉल सुर्खियों में है. दरअसल शहर के अन्नदा चौक पर एम कॉम पास महिला स्तुति टुडू सिंगापुर से एक मॉल में नौकरी करने के बाद यहां फुटपाथ पर चाय बेच अपना घर-परिवार चला रही है.
वहां पहुंचे सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि इस चाय के दो पहलू हैं. पहला तो यह बड़े ही दु:ख की बात है कि कोरोना ने इस महिला को फुटपाथ पर लाकर खड़ा कर दिया. दूसरी बात यह है कि हमारी बेटियां हर चुनौती को स्वीकार कर रही हैं और एक कदम आगे बढ़कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं. चाय वह पेय पदार्थ है, जो सबसे अधिक विश्व में पीया जाता है. ऐसे में चाय रोजगार का भी बड़ा साधन बन गया है. इसीलिए स्तुति टुडू अपने नौ महीने के बच्चे के पालन-पोषण के लिए फुटपाथ पर चाय बेच रही है.
स्तुति वर्ष 2019 में सिंगापुर गई. वहां एक मॉल में काम करती थी. लेकिन कोरोना काल में नौकरी छोड़कर वापस अपने वतन लौटना पड़ा. वह यह भी बताती हैं कि उसे सिंगापुर में 500 डॉलर प्रति माह मिलता था. स्वदेश लौटने के बाद उसने कई जगह रोजगार के लिए आवेदन दिया. लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई. ऐसे में तंगी के कारण फैसला लिया कि अब अपना ही व्यवसाय शुरू करेगी. ऐसे में चाय का ठेला फुटपाथ पर लगाया. यहां अन्नदा चौक के पास वह हर दिन सुबह से लेकर देर शाम तक चाय बेचती है. स्तुति ने 2018 में एम कॉम किया
स्तुति ने शुभम संदेश की टीम से बात करते हुए कहा कि गरीबी के कारण मां-बेटे का जीना दूभर हो रहा है. उसके पति भी मेहनत करते हैं और हर रोज रोजगार की तलाश में निकलते हैं. लेकिन काम नहीं मिल रहा है. उसका नौ महीने का बच्चा है. अगर उसके लिए पौष्टिक आहार और भविष्य में बेहतर पढ़ाई की व्यवस्था नहीं कर पाए, तो इससे बड़ा अफसोस और कुछ नहीं हो सकता. वह पढ़ी-लिखी है, इसलिए पढ़ाई के महत्व को जानती है. बच्चा जब बड़ा होगा, तो उसे अच्छे स्कूल में तालीम दिलानी है. बच्चे का भविष्य बेहतर हो, इसके लिए वह मेहनत कर रही है.
पीएम नरेंद्र मोदी से मिली प्रेरणा
स्तुति आत्मविश्वास से लबरेज है. उसका कहना है कि यह एक छोटा सा प्रयास है, इस कोशिश से वह अपना आगे का रास्ता तय करेंगी. स्तुति का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं को आत्मनिर्भर करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उसे भी कहीं ना कहीं खासकर लोकल फॉर वॉकल की प्रेरणा उनसे ही मिली है. सांसद जयंत सिन्हा ने स्तुति को आश्वासन दिया है कि वह आकर उनसे मिले. ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि उसे फुटपाथ पर चाय बेचने की नौबत ही नहीं पड़े. स्तुति भले ही आत्मनिर्भर बनने के लिए फुटपाथ पर चाय बेच रही है. लेकिन यह एक बड़ा सवाल है कि जहां आदिवासी समाज को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं संचालित है. वहां एक आदिवासी बेटी सड़क पर चाय बेचने को विवश है. वहां चाय की चुस्की ले रहे लोगों का कहना था कि सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी यह सोचने की जरूरत है कि आखिर स्तुति को क्यों फुटपाथ पर चाय बेचना पड़ रहा है.
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