Hazaribagh : नई शिक्षा नीति 2020 के दिशा-निर्देशों के आधार पर 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के लिए सभी विषयों का पुनरीक्षित पाठ्यक्रम का निर्धारण 10 जुलाई तक किया जाएगा. उस कार्य के लिए विभागाध्यक्ष को कहा गया है कि वह यथाशीघ्र बोर्ड ऑफ स्टडीज का गठन कर लें. उस बोर्ड में एक-दूसरे विश्वविद्यालय के विषय विशेषज्ञ को रखने की बात कही गई है. इस संबंध में एक दिशा-निर्देश विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के कुलपति प्रोफेसर डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने जारी किया है. दरअसल पूरे राज्य में नई शिक्षा नीति से संबंधित पाठ्यक्रम में समरूपता लाने के लिए झारखंड सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने जनवरी 2023 को एक पत्र सभी विश्वविद्यालयों को प्रेषित किया था. पत्र के माध्यम से क्रेडिट व्यवस्था को भी नए सिरे से वितरित करने की बात कही गई है.
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जून में योगदान देने के बाद नए कुलपति ने उस पत्र पर संज्ञान लिया. उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 के नोडल पदाधिकारी डॉ. इंद्रजीत कुमार को विभागाध्यक्षों के समक्ष एक पावर प्वाइंट प्रस्तुति से विषय को समझाने का आग्रह किया. कुलपति ने विस्तार से पूरे विषय को विभागाध्यक्षों के समक्ष रखा. कुछ बिंदुओं पर बेहतर विमर्श भी हुए. विभागाध्यक्षों ने कुछ सुझाव भी दिए.
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वैल्यू ऐडेड कोर्स तथा मल्टीडिसीप्लिनरी कोर्स के विषयों के भी पाठ्यक्रम का निर्धारण होना है. इसके लिए मानविकी संकाय अध्यक्ष की अध्यक्षता में 17 सदस्यों की एक समिति गठित की गई है. रांची विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीके सिन्हा बाह्य विषय विशेषज्ञ मनोनीत किए गए हैं. इस समिति में समाज विज्ञान, वाणिज्य एवं विज्ञान के संकाय अध्यक्ष के अतिरिक्त कुछ विभागाध्यक्षों व शिक्षकों को सदस्य मनोनीत किया गया है. नई शिक्षा नीति के नोडल अफसर समिति के संयोजक होंगे.
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