Hazaribagh: जिले के इचाक प्रखंड के बरकाखुर्द में करीब 47 लाख की लागत से बना रोड गार्डवाल बारिश में बह गया. इससे तीन पंचायतों बरकाखुर्द, डाढ़ा और दरिया की लगभग 15 हजार की आबादी प्रभावित हुई. यह रोड सिमर बाबा तेतरिया नदी पुल से हाईस्कूल बरकाखुर्द चौक तक करीब एक किलोमीटर लंबा है.
यह सड़क तीन माह पहले बनाई गई थी, जो पहली बारिश में ही बह गई. इस बारिश ने विशेष प्रमंडल के कार्यों और सड़क निर्माण की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी. बारिश का पानी जैसे ही सड़क के दोनों किनारे बहने लगा, लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क का किनारा गार्डवाल समेत बह गया. इस कारण आवागमन बाधित हो गया. मार्च में जब इस सड़क का काम शुरू हुआ, तब यहां के लोगों में आस जगी कि मुख्य पथ की जर्जर स्थिति के कारण एक वैकल्पिक व्यवस्था मिल गई. कुछ लोग अब इधर से भी आना-जाना करेंगे, लेकिन संवेदक की मनमानी के कारण पहले ही बरसात में रोड बह गया. इससे लोगों में काफी आक्रोश है.
भाजपा नेता सह बरकाखुर्द के मुखिया प्रतिनिधि ओम प्रकाश मेहता, ग्रामीण बादल कुमार मेहता, नरेश कुमार मेहता, वीरेंद्र प्रसाद मेहता, सुरेश प्रसाद मेहता, सरयू प्रसाद मेहता, सुरेश प्रसाद मेहता, मनोज मेहता, अशोक मेहता और अरुण कुमार मेहता समेत ग्रामीणों ने इस पर रोष जताया. उन्होंने कहा कि विशेष प्रमंडल विभाग से 47 लाख की लागत से करीब तीन माह पहले एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाई गई, जो बह गई. मुखिया सीता देवी ने कहा कि स्थानीय संवेदक प्रदीप मेहता व मनोज मेहता की देखरेख में सड़क बनाया गया. शुरुआती दौर से ही सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी व मनमानी की गई. इस कारण गुरुवार को हुई बारिश में सड़क का दोनों छोर बह गया.
डीसी से शिकायत
ओम प्रकाश मेहता ने बताया कि जब संवेदक ने ग्रामीणों की बातें नहीं सुनीं, तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत हजारीबाग डीसी के साथ-साथ विभाग के कार्यपालक, सहायक और कनीय अभियंता को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन देकर की थी. आवेदन देने के बाद विभाग के कार्यपालक अभियंता रोड का काम देखने के लिए आए. उस वक्त उन्होंने ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया था कि उस पर एक लेयर और पिचिंग करा दी जाएगी. लेकिन सौ-डेढ़ सौ फीट एक लेयर पिचिंग करा कर छोड़ दिया गया.
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ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि फिर से सड़क की पीचिंग नहीं कराई गई, तो पंचायत के हजारों लोग सड़क से लेकर सदन तक मामले को उठाएंगे. आक्रोश जताने वालों में मुख्य रूप से प्रधानाध्यापक बैजनाथ प्रजापति, बद्री प्रसाद मेहता, यमुना प्रसाद मेहता, सुरेंद्र प्रसाद मेहता, केदार मेहता, सोनाराम, लखन मेहता, कृष्णा मेहता, प्रभु प्रसाद मेहता, संतोष मेहता, मनोज मेहता, दशरथ मेहता और डी पासवान शामिल थे.
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