आरोप के घेरे में वन विभाग की टीम, लेन-देन में फोन पे का इस्तेमाल
प्रति ट्रैक्टर 35 हजार रुपये लेकर सभी ट्रैक्टरों को छोड़ा
फोन पे बड़ा साक्ष्य है, मामले की होगी जांच : डीएफओ
Hazaribagh: कटकमदाग-बड़कागांव सीमाने पर 10 बालू ट्रैक्टरों से करीब 3.50 लाख की वसूली की गई है. इसमें कुछ नकद और कुछ पैसे के लेन-देन में फोन पे का इस्तेमाल किया गया है. फोन पे नंबर किसी अंकित कुमार का बताया जा रहा है. लेन-देन के आरोप के घेरे में छापेमारी करने गई वन विभाग की टीम शामिल है. पूरा मामला पिछले सप्ताह मंगलवार को बालू के अवैध कारोबार से जुड़ा हुआ है. दरअसल उस दौरान एनजीटी के नियमानुसार बालू के उठाव पर प्रतिबंध लगा हुआ था. जिला प्रशासन ने बालू उठाव पर निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन भी किया था. इसी क्रम में वन विभाग की टीम पर लेन-देन कर पकड़े गए अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को छोड़ने का आरोप लगा है.
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वाक्या विगत 10 अक्तूबर मध्य रात्रि की
यह वाक्या विगत 10 अक्तूबर की मध्य रात्रि के बाद करीब 2.30 बजे का है. उस वक्त अवैध बालू लदे 10 ट्रैक्टर बड़कागांव के बादम स्थित मोतरा घाटी होकर हजारीबाग के लिए निकले. इस बीच वन विभाग की 20 सदस्यीय टीम ने रजहर के पहले छलटवा के पास ट्रैक्टरों को चालक के साथ पकड़ लिया और उसे रेंज ऑफिस लेकर जाने लगे. इसकी सूचना देकर ट्रैक्टर मालिकों को बुलाया गया. फिर ट्रैक्टर छुड़ाने के नाम पर 50-50 हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर मांग की गई. जब ट्रैक्टर मालिकों ने 50-50 हजार रुपए देने से इनकार कर दिया, तो 35-35 हजार की दर से प्रति ट्रैक्टर सौदा तय हुआ. फिर नगद के साथ-साथ फोन पे नंबर 7070215064 से वसूली करने के बाद सभी ट्रैक्टरों को छोड़ दिया गया. यह यह खेल लगभग दो से ढाई घंटे तक चला और सुबह होते ही घटना को अंजाम देने वाली वन विभाग की टीम ने अपना मार्ग बदल लिया. इस संबंध में रेंजर कमलेश कुमार सिंह से संपर्क करने करने की कोशिश की गई, लेकिन उनके फोन नंबर पर बात नहीं हो पाई.
पहले ही तैयार कर ली गई थी वसूली की पटकथा
बताया जा रहा है कि बड़कागांव के प्रभारी वनपाल संतु कुमार के नेतृत्व में सिपाही संजय कुमार यादव ने राजहर के निकट पहाड़ पर विजय सिंह के घर मंगलवार रात 8 बजे पहुंच कर रणनीति तैयार की थी. सभी मोटरसाइकिल व सफेद स्कॉर्पियो से पहुंचे थे तथा बालू लेकर आ रहे ट्रैक्टरों का इंतजार कर रहे थे. फिर रात्रि 2:30 बजे के करीब ट्रैक्टरों को पकड़ा गया. प्रत्यक्षदर्शियों एवं भुक्तभोगियों के अनुसार, टीम में लगभग 20 से 22 लोग शामिल थे. इनमें कई लोगों ने अपने चेहरे को कपड़े से ढक रखा था. नाम न छापने के शर्त पर भुक्तभोगियों ने बताया कि उन लोगों को बुलाकर मारपीट भी की जाने लगी तथा जेल भेजने का दबाव बनाए जाने लगा. इसी भय से उन लोगों ने आनन-फानन में संजय कुमार यादव को नगद एवं संजय कुमार यादव की ओर से अंकित सिंह के नाम से दिए गए फोन पे नंबर 7070215064 पर पैसे डालने को कहा गया. पैसे डालने के बाद उन लोगों ने ट्रैक्टरों को छोड़ दिया.
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पीसी कर प्रभारी वनपाल ने खुद को बेकसूर बताया
इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी वनपाल संतु कुमार ने कुछ भी बताने से इनकार किया और कहा कि वह हमारा बीट नहीं है और हम कुछ नहीं जानते हैं. वहीं आरोप लगने के बाद आनन-फानन में प्रभारी वनपाल ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि कभी भी काम को लेकर उन्होंने शिकायत का मौका नहीं दिया है और न ही लेन-देन का आरोप लगा है. इस मामले की जानकारी उन्हें नहीं थी. फोन पे पर लेन-देन के मामले में उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि नंबर किसका है. वन विभाग के साथ उस व्यक्ति की संलिप्तता की जांच की जाएगी. उन्होंने खुद को बेकसूर बताया.
दोषी पाए जाने पर होगी निलंबन की कार्रवाई : एसीएफ
इस मामले में पूछे जाने पर एसीएफ अविनाश कुमार परमार ने बताया कि कुछ दिन पहले कोयला लदा हुआ 10 बैलगाड़ी और 10 मोटरसाइकिल जब्त किया गया था. इसी का बदला लेकर फंसाया जा रहा है. बीच-बीच में वन विभाग के अधिकारी गहन जांच करते रहे हैं. बालू और कोयला माफिया के अवैध कारोबार को रोका जा रहा है. इस कारण वन विभाग के फॉरेस्टर एवं सिपाही को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. अगर सचमुच ऐसी घटना हुई है और वन विभाग के कर्मचारियों को लेन-देन में पाया गया. साढ़े तीन लाख रुपए लेन-देन फोन पे के माध्यम से किया गया है, तो बहुत जल्द इस पर कार्रवाई की जाएगी. दोषी पाए जाने पर वनपाल संतु कुमार और सिपाही संजय यादव को सस्पेंड किया जाएगा.
डीएफओ का बयान
इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. यह जांच का विषय है. जांच करने पर अगर पैसे का लेनदेन उजागर हुआ, तो कार्रवाई अवश्य की जाएगी. फोन पे पर पैसा आया होगा, तो बहुत बड़ा साक्ष्य है. मामले की जांच की जाएगी. – सबा आलम, डीएफओ.