Hazaribagh : झारखंड में छात्राओं के सबसे प्रतिष्ठित और बड़े सरकारी स्कूल इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय हजारीबाग में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ. प्राचार्या के आग्रह पर पूरा कैंपस पुलिस छावनी में तब्दील हो गया और फिर अगस्त से बहाल 43 महिला-पुरूष कर्मियों को डंडे के बल पर हटाया जाने लगा. इसका कर्मियों ने विरोध किया. कर्मियों का कहना था कि उन्हें पूरी प्रक्रिया के तहत बहाल किया गया. दो माह का वेतन भी दिया गया. फिर क्यों हटाया जा रहा है. उन्हें हटाए जाने से वो बेरोजगार हो जायेंगे और इसका दुष्प्रभाव उनके पूरे परिवार पर पड़ेगा. लेकिन कर्मियों की मिन्नत-विनती का कोई असर न प्राचार्या पर पड़ा और न ही वहां प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट सह सदर सीओ और लोहसिंघना व सदर थाना पुलिस व महिला पुलिस पर. सभी कर्मियों को खदेड़-खदेड़ कर कैंपस से बाहर कर दिया गया.
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जानिए क्या है मामला
इंदिरा गांधी स्कूल में रांची की आउटसोर्सिंग कंपनी जेएमडी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से अगस्त में विभिन्न 19 पदों के लिए 43 कर्मियों को बहाल किया गया था. इनमें शिक्षिकाएं, रसोइया, माली, गार्ड आदि पद थे. जेएमडी के जीएम राहुल कुमार का कहना है कि पूरी प्रक्रिया के तहत बहाली हुई थी. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता के सचिव के कहने पर यह प्रक्रिया पूरी हुई थी. चार माह के बाद अचानक उनके कर्मियों को स्कूल की प्राचार्या कुमारी इंदु हटा रही हैं. यह ठीक बात नहीं है. इसके लिए वह डीसी नैंसी सहाय से गुहार लगाने आये हैं. प्राचार्या का कहना है कि उन्हें ऊपर से आदेश मिला है कि इन कर्मियों को हटाना है. वह अपने वरीय पदाधिकारियों के आदेश का अनुपालन कर रही हैं. उनके कहने से कर्मी नहीं हट रहे थे, तो उन्हें पुलिस फोर्स बुलाने की जरूरत पड़ी.
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शिक्षिका ने शिकायत की थी कि बहाली में अनियमतताएं बरती गई
इंदिरा गांधी स्कूल में कर्मियों की बहाली के क्रम में अगस्त में प्राचार्या तोराबल थीं. इस बीच अगस्त और सितंबर माह का वेतन भुगतान भी कर्मियों को किया गया. फिर उनकी सेवानिवृत्ति के बाद डीइओ प्रभारी प्राचार्य बनाए गए. 19 नवंबर को विभाग ने उन्हें पद छोड़ देने को कहा और वहां प्राचार्या कुमारी इंदू को बना दिया गया. स्कूल की ही एक सीनियर शिक्षिका रेणु ठाकुर ने विभाग से यह शिकायत की थी कि बहाली में अनियमतताएं बरती गई हैं. उसके बाद से ही आउटसोर्सिंग कर्मियों को हटाने का मामला शुरू हुआ. इस बीच कंपनी को कई बार प्राचार्या ने नोटिस दिया कि अपने कर्मियों को वापस ले लें. इस बीच शिक्षा सचिव की ओर से इसी मामले की जांच के लिए इंदिरा गांधी स्कूल आने की बात थी. हालांकि शिक्षा सचिव नहीं आये और उनके आगमन के पहले ही कर्मियों को हटा दिया गया. जेएमडी कंपनी के जीएम का कहना है कि सचिव ने उनसे मैन पावर मांगा था, तभी उन्होंने दिया था. उनके पास इससे संबंधित पत्र भी है. झारखंड शिक्षा परियोजना में भी उन्होंने सरकार के आदेश पर ही राज्यभर में कर्मियों को बहाल किया है. बहरहाल मामला जो भी हो, कर्मियों को स्कूल से हटाए जाने पर फिलहाल उनकी रोजी-रोटी पर आफत आ गई है.
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