Hazaribagh: शुभम संदेश की खबर का असर एक बार फिर देखने को मिला. दरअसल दो नवंबर को स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निरीक्षण के दौरान हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गेट के बाहर प्रसव और नवजात की मौत के मामले को शुभम संदेश ने उठाया था. तब अस्पतालकर्मियों ने कूद की महिला नुसरत परवीन को अस्पताल में आने से रोक दिया था. इसी बीच बड़ी धटना घट गई. इस पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है. डीसी नैंसी सहाय ने शुभम संदेश की टीम से बात करते हुए कहा कि पूरा मामला संज्ञान में है. जांच की जा रही है. जांच के दौरान अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया गया, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
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इधर सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने जिस शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज को 75% अंक देकर चले गए, वह अस्पताल व्यवस्था में पूरी तरह फेल है. यह अस्पताल जांच के लेवल पर कहीं पास नहीं है. वहीं सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव को सबकी बात सुननी चाहिए थी. उनके मीडिया प्रभारी रंजन चौधरी स्वास्थ्य सचिव को अस्पताल की हकीकत का आईना दिखा रहे थे, तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया. यह निंदनीय बात है. उन्होंने कहा कि दो नवंबर को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में गेट के बाहर प्रसव और नवजात की मौत की घटना शर्मशार और मानवीय संवेदना को तार-तार करनेवाली है. इस मामले पर पुख्ता कार्रवाई करने की जरूरत है.
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