Jamshedpur (Ranjit Kumar Sharma) : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने ईडी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए सम्मन पर सवाल उठाए हैं. सरयू राय ने गुरुवार को बारीडीह स्थित कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल से अधिक घोटाला रघुवर दास के मुख्यमंत्री और खान मंत्री रहते हुआ है. ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर हुए चार्जशीट के आधार पर सम्मन भेज उन्हें बुला रही है. सम्मन साहेबगंज और पाकुड़ में गिट्टी घोटाला से संबंधित है. इस मामले में हेमंत सोरेन से अधिक घोटाला रघुवर दास के मुख्यमंत्री और खान मंत्री रहते हुआ है. इसका प्रमाण ईडी की उसी चार्जशीट में है, जिसके आधार पर ईडी हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए बुला रही है. हेमंत सोरेन सरकार पर तो सिर्फ गिट्टी घोटाले का आरोप है, जिसमें उनके प्रतिनिधि पंकज मिश्रा मुख्य अभियुक्त हैं. रघुवर दास पर तो गिट्टी घोटाला के साथ ही मनरेगा घोटाले का भी आरोप है. यह ईडी के उस चार्जशीट से साबित होता है, जिसमें पूजा सिंघल पर मुकदमा हुआ है. ईडी को पूछताछ में कुछ लोगों के बयान और कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिसके आधार पर उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तो पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को नहीं.
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रघुवर दास के कार्यकाल में गिट्टी ढुलाई में दो तिहाई घोटाला
सरयू राय ने कहा कि गिट्टी घोटाला में ईडी के चार्जशीट में लिखा है कि रघुवर दास जब मुख्यमंत्री और खान मंत्री थे तब दो तिहाई घोटाला और हेमंत सोरेन के समय एक तिहाई घोटाला रेलवे रैक से बिना चालान के गिट्टी ढुलाई में हुआ है. ईडी चार्जशीट के अनुसार रघुवर दास के मुख्यमंत्री और खान मंत्री रहते 2015 से 2019 के बीच हर साल रेलवे रैक से अवैध ढुलाई हुई है. यह ढुलाई 2015-16 से 2019-20 के बीच 233 रैक से हुई है. रघुवर दास सरकार में वसूली एजेंट प्रेम प्रकाश की कंपनी सीटीसी इंडस्ट्री ने यह अवैध ढुलाई की है. रघुवर दास के कार्यकाल में अवैध ढुलाई का विवरण इस प्रकार है.
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अवैध ढुलाई का विवरण
2015-16 में 16 रैक
2016-17 में 01 रैक
2017-18 में 31 रैक
2018-19 में 117 रैक
2019-20 में 68 रैक
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रघुवर कार्यकाल में सरकारी खजाने को 100 करोड़ से अधिक की चपत
सरयू राय ने कहा कि रघुवर के कार्यकाल में इस घोटाला में सरकारी खजाने को 100 करोड़ रुपए से अधिक की चपत लगी है. 2015-16 से लेकर 2017-18 तक रेलवे रैक से अवैध गिट्टी ढुलाई इनके मनोनुकूल नहीं हुई तो साहेबगंज के जिला खान पदाधिकारी को बदल कर वहां विभूति कुमार की पोस्टिंग की गई. इस अवधि में गिट्टी का अवैध खनन और अवैध परिवहन में भारी उछाल आया. एक साल में 117 रैक गिट्टी का परिवहन बिना चालान के किया गया. विभूति कुमार आज भी साहेबगंज के डीटीओ हैं. रघुवर दास सरकार के आरंभिक तीन वर्षों में केवल 48 रैक की अवैध ढुलाई हुई जो बाद के दो वर्ष में 185 रैक हो गई.
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रघुवर मनरेगा घोटाला में आकंठ डूबे हैं लेकिन दोषी सिर्फ पूजा सिंघल
सरयू राय ने कहा कि इसी तरह मनरेगा घोटाला में ईडी ने पूजा सिंघल को दोषी पाकर उनपर चार्जशीट किया है. इस चार्जशीट में लिखा हुआ है कि पूजा सिंघल ने मनरेगा घोटाला में जो भ्रष्टाचार और काली कमाई की है. वह वर्ष 2013 से 2019 के बीच का है. इन 6 वर्षों में से 4 वर्षों (2015 से 2019 के बीच) तक स्वनामधन्य रघुवर दास मुख्यमंत्री थे. वे मनरेगा घोटाले में आकंठ डूबे हुए हैं. जिस मनरेगा घोटाला में ईडी ने पूजा सिंघल को अरबों रुपए की हेराफेरी का दोषी पाकर जेल भेजा है, आरोप सही पाकर चार्जशीट किया है, उसी पूजा सिंघल को, उसी मनरेगा घोटाला में रघुवर दास ने मुख्यमंत्री रहते क्लीन चिट दिया था. उन्हें निर्दोष करार दिया था. उनका प्रोमोशन कर दिया था. उन्हें घोटाला करने का अवसर दे दिया था. तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने रघुवर दास से सांठगांठ कर दस्तावेजी सबूतों में फर्जीवाड़ा किया और हेराफेरी कर पूजा सिंघल को आरोप मुक्त करने वाले दस्तावेज तैयार कराये. रघुवर दास ने पूजा सिंघल को ईमानदार करार दिया. इनके विरूद्ध सबूत मिटाने की साजिश की और जब ईडी ने जांच किया तो सब कुछ सबके सामने है.
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रघुवर दास के घोटालेबाजों से लाभ लेने का उदाहरण
विधायक सरयू राय ने कहा कि रघुवर दास की घोटालेबाजों से सांठगांठ और उनसे लाभ लेने के कई उदाहण हैं. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कई उदाहरण दिए.
1. प्रेम प्रकाश के पार्टनर पुनीत भार्गव ने इनोवा कार (JH 01 DV 1101) खरीदकर रघुवर दास को दिया, जिसका वे इस्तेमाल फरवरी 2020 से करते रहे हैं. यह इनोवा रघुवर दास के गैरैज में खड़ी रहती है.
2. एक और फॉर्चुनर कार (JH 05 CR 0011) रघुवर दास के पास पाई गई. इससे वे राज्य भर का दौरा करते पाये गये. यह गाड़ी भी घोटालेबाजों से जुड़े संदिग्ध चरित्र के लोगों के नाम पर है. किसने और कैसे यह गाड़ी खरीदी और रघुवर दास को दिया और क्यों दिया इसकी जांच ईडी करे.
3. रघुवर दास की अंतरंग मुख्य सचिव राजबाला वर्मा आरंभ में प्रेम प्रकाश की संरक्षक थीं. प्रेम प्रकाश का संबंध मुख्यमंत्री रहते समय रघुवर दास और इनके तत्कालीन ओएसडी राकेश चैधरी से बना जो आज भी कायम है. रघुवर दास के परिवार का प्रेम प्रकाश हितसाधक बन गया. उनके परिवारजनों को रजरप्पा सहित अन्य स्थानों का भ्रमण और दर्शन कराता रहा. गिट्टी घोटालेबाजों से मदद लेकर साहेबगंज और पाकुड़ के इलाके में इनके सुपुत्र से कम्बल वितरण एवं अन्य कार्यक्रम कराता रहा. इसका वृतांत उस समय वहां के अखबारों में छपा करता था.
4. प्रेम प्रकाश और राकेश चैधरी की घनिष्ठता जग जाहिर थी. यह घनिष्ठता सरकार बदलने के बाद भी कायम रही. देवघर के एक विवाह स्थल पर राकेश चैधरी के सुपुत्र की शादी की फैमिली फोटो में रघुवर दास, राकेश चैधरी और प्रेम प्रकाश की अंतरंग तस्वीरें होना, शादी में नाचने के अंतरंग चित्र होना, इनसे प्रेम प्रकाश के अंतरंग संबंधों के प्रमाण हैं.
5. सवाल उठ रहा है कि देवघर के शादी समारोह का भुगतान किसने किया? मुम्बई की मीरचंदानी का प्रोग्राम कराने के लिए रांची के इवेंट मैनेजर आकाश सिन्हा को इसका भुगतान किसने किया? ईडी इसका दस्तावेज मांगे तो मनी लाउंड्रिंग का गंभीर मामला बनेगा. जिस ‘थ्री आर’ की चर्चा होते रहती है उसमें ‘रघुवर, राजबाला, राकेश’ की भूमिका गिट्टी घोटाला से मनरेगा घोटाला और शराब घोटाला तक में सामने आ जाएगी और मनी लाउंड्रिंग के बड़े घोटाले का पर्दाफाश होगा. यदि ईडी निष्पक्षता बरते और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी पूछताछ के लिए बुलाए.
6. रघुवर दास मुख्यमंत्री थे और राजबाला वर्मा मुख्य सचिव थीं तो प्रेम प्रकाश की फर्म द्वारा 7 करोड़ रुपए की हेराफेरी का एक मामला सामने आया था. एक कर्मठ आईएएस भोर सिंह यादव उत्पाद आयुक्त थे. इन्होंने घोटाला पकड़ा और तमाम सबूतों के साथ रांची के अरगोड़ा थाना में एफआईआर भेजा. मामले की गम्भीरता को देखते हुए वे स्वयं अरगोड़ा थाना गये. थाना में देर शाम तक बैठे रहे. एक प्रभावशाली व्यक्ति का फोन थानेदार के पास आया और थानेदार ने एफआईआर लेने से इंकार कर दिया. एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को अपमानित होकर थाना से बैरंग लौटना पड़ा. ईडी पता करे कि सरकार में बैठे किस प्रभावशाली पदाधिकारी का फोन था जिसके कारण बड़ा घोटाला उजागर होने से रह गया. क्या इस फोन का थ्री आर से रिश्ता था?
7. राजबाला वर्मा मुख्य सचिव से रिटायर हुईं तो मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उनकी प्रशंसा का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराया जिसका मैंने और सीपी सिंह ने विरोध किया. क्या कारण था ऐसा प्रस्ताव कैबिनेट में रखने का?
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एक आंख में काजल और एक आंख में सूरमा की नीति
सरयू राय ने कहा कि एक आंख में काजल और एक आंख में सूरमा की नीति से ईडी की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है. ईडी इस मामले में रघुवर दास से भी पूछताछ करे तभी उसे विश्वसनीय माना जाएगा, नहीं तो सवाल उठेंगे. जो लोग पूछताछ के लिये ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को बुलाने को भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं, उन्हें रघुवर दास को भी ईडी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाने की बात कहनी चाहिए, नहीं तो माना जाएगा कि ईडी भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के प्रति गंभीर नहीं है.