Hazaribagh: विनोबा भावे विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग एवं इंडियन स्कूल ऑफ साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को न्यूरोट्रांसमीटरस इन मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंस विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता मिडलैंड रीजनल फॉरेंसिक सर्विसेज वेंकटू हॉस्पिटल, हैमिल्टन, न्यूजीलैंड के डॉ रविंद्र भगत ने विस्तार से विषय पर समग्रात्मक एवं सारगर्भित व्याख्यान दिए. विद्यार्थियों के दृष्टिकोण से गुणात्मक ढंग से अपने ज्ञान व अनुभव को सरल व सहज ढंग से इन्होंने प्रस्तुत किया. अपने व्याख्यान में डॉ भगत ने मानव व्यवहार एवं अनुभव में न्यूरोट्रांसमीटर की भूमिका की चर्चा की. न्यूरोट्रांसमीटर के विभिन्न आयाम, कार्य करने के तरीकों, विविध प्रकारों यथा सेरोटोनिन, डोपामिन, ग्लूटामैट और अन्य के बारे में अपने ज्ञान व अनुभव को उन्होंने साझा किया. रासायनिक सिनिस्टिक ट्रांसमिशन की प्रक्रिया से न्यूरोट्रांसमीटर्स कैसे कार्य करता है, उसके बारे में भी विस्तार से उन्होंने वर्णन किया. न्यूरोट्रांसमीटर के महत्व की भी उन्होंने चर्चा की. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अनेक प्रश्न पूछे. डॉ भगत ने सभी प्रश्नों को बड़े ही धैर्य के साथ और उत्साह के साथ विद्यार्थियों को समझाया. कार्यशाला में रांची विश्वविद्यालय से डॉ मेरा जायसवाल भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज विज्ञान के संकाय अध्यक्ष डॉ सादिक रज्जाक ने किया. इस अवसर पर विभागीय प्राध्यापक डॉ अविनाश कुमार, पूर्व विभागअध्यक्ष डॉ नमिता गुप्ता, मानव शास्त्र विभाग के डॉक्टर विनोद रंजन के अलावा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभाग के शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद थे.
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