Ranchi: 90 के दशक में रांची में आतंक का दूसरा नाम रह चुके कुख्यात अपराधी सुरेंद्र सिंह रौतेला उर्फ सुरेंद्र बंगाली की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके. जिसके बाद अदालत ने इस केस की सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है. सुरेंद्र बंगाली की ओर से अधिवक्ता लुकेश कुमार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा.
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रांची के लालपुर थाना से जुड़े कांड संख्या 31/ 1996 में निचली अदालत ने सुरेंद्र बंगाली को फांसी की सजा सुनाई है. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा में तब्दील कर दिया है. सजा की अवधि को आधार बनाते हुए सुरेंद्र बंगाली ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल कर अदालत से गुहार लगाई है कि उसे रिहा किया जाए. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.
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