Ranchi: जेवीएम का बीजेपी में विलय और उनके विधायकों का दूसरी पार्टी में जाने के मामले पर आज यानी सोमवार को पहली सुनवाई हुई. सुनवाई विधानसभा के न्यायाधिकरण कक्ष में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ नाथ महतो ने की. सुनवाई के दौरान विधानसभा में बंधु तिर्की और प्रदीप यादव मौजूद थे. सुनवाई शुरू होते ही बाबूलाल मरांडी के वकील आरएन सहाय ने कोर्ट से समय मांगा.
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने मामले को लेकर 12 नवंबर को एक रिट याचिका हाइकोर्ट में दायर की है. इसलिए उन्हें अभी वक्त दी जाये. विधानसभा अध्यक्ष ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 17 दिंसबर तय की. लगातार न्यूज नेटवर्क से बात करते हुए बाबूलाल के अधिवक्ता आरएन सहाय ने बताया कि कोरोना काल में कोर्ट के किसी भी फाइल को तैयार करने में थोड़ी परेशानी आ रही है. पहले के मुताबिक, अब काफी ज्यादा समय किसी भी फाइल मूवमेंट के लिए लग रहा है. इसलिए हमारी तरफ से समय मांगा गया.
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पिछली बार पांच साल तक लटका मामला
झारखंड में चतुर्थ विधानसभा में झाविमो के पांच विधायक रणधीर सिंह, अमर बाउरी, नवीन जायसवाल, जानकी यादव, गणेश गंझू और आलोक चौरसिया भाजपा में शामिल हुए थे. झाविमो की ओर से 2014 में दल-बदल का मामला दर्ज कराया गया. विधानसभा न्यायाधिकरण में मार्च 2015 में पहली और दिसंबर 2018 को अंतिम सुनवाई हुई. विधानसभा न्यायाधिकरण ने अपना फैसला विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले 20 फरवरी 2019 को सुनाया. यानी पूरे पांच साल तक मामला लटका रहा. विधानसभा न्यायाधिकरण से फैसला आने के बाद बाबूलाल मरांडी ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जिसपर सुनवाई लंबित लंबित है.
इधर झारखंड में बीजेपी की सरकार गिर गयी और जेवीएम के बाकी विधायकों ने भी दूसरी पार्टी का दामन थाम लिया. खुद बाबूलाल बीजेपी में चले गये और बाकी बचे बंधु तिर्की और प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गये.
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