Amit Singh
Ranchi: हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचईसी) के घाटे में लगातर बढ़ोतरी हो रही है. चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के तीन क्वार्टर गुजर गए, मगर कंपनी किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका. एमओयू के तहत अप्रैल से दिसंबर तक कंपनी को 350 करोड़ का वर्क ऑडर मिलना था. जिसे हासिल नहीं किया जा सका. कंपनी को तीनों क्वार्टर (नौ माह में) में करीब 250 करोड़ का शुद्ध घाटा हो चुका है. दिसंबर 2023 में कंपनी को 21.95 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था. पिछले साल नवंबर में कंपनी को 20.20 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था. स्थिति यही रही, तो चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी अपने निर्धारित लक्ष्य का 10 प्रतिशत भी हासिल नहीं कर सकेगी. कंपनी के उत्पादन या घाटा से संबंधित जानकारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
एचईसी ने पहले और दूसरे क्वार्टर में वर्क ऑडर का टार्गेट हासिल नहीं किया. कंपनी के लिए मैनेजमेंट ने तीसरे क्वार्टर, यानि अक्तूबर से दिसंबर तक में 230 करोड़ का वर्क ऑडर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. मगर कंपनी ने तीसरे क्वार्टर के लक्ष्य को भी नहीं हासिल किया. पिछले 18 माह से कंपनी के स्थाई और अस्थाई कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. कंपनी के तीनों कारखाना में उत्पादन ठप हो गया है. कर्मचारी आते हैं और उपस्थिति दर्ज कराकर वापस लौट जाते हैं. ऐसे में कंपनी के लिए चौथे तीमाही में भी वर्क ऑर्डर सहित अन्य लक्ष्य को हासिल करना बड़ी चुनौती होगी.
एमओयू के अनुसार काम नहीं कर पा रही कंपनी
एचईसी ने दिसंबर 2023 में 16.96 करोड़ और नवंबर माह में 11.50 करोड़ का टर्न ओवर किया. यह आंकड़ा एमओयू टारगेट से करीब 75 प्रतिशत कम है. वहीं कंपनी का प्रोडक्शन एमओयू टारगेट से 65 प्रतिशत कम रहा. कंपनी ने पिछले माह 23 करोड़ का प्रोडक्शन किया. नवंबर माह में 12 करोड़ का प्रोडक्शन हुआ था. कंपनी को दिसंबर में सिर्फ 14 करोड़ का नुकसान हुआ है. एचईसी कंपनी ने भारी उद्योग मंत्रालय के साथ जो एमओयू किया है, उसके अनुसार किसी भी क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है. यह कंपनी के लिए बेहतर संकेत नहीं हैं.
650 करोड़ का वर्क ऑर्डर हासिल करने का लक्ष्य
एचईसी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 650 करोड़ रूपये का वर्क ऑडर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसमें कंपनी को पहले क्वार्टर, यानि अप्रैल से जून तक में 10 करोड़ का वर्क ऑडर हासिल करना था. वहीं दूसरे क्वार्टर, यानि जुलाई से सितंबर तक के समयावधि में 92 करोड़ का वर्क ऑडर कंपनी का मिलना था. मगर कंपनी में काम बंद होने की सूचना के बाद से वर्क ऑर्डर देने वाली कंपनियों ने दूसरे का चयन कर लिया है. इस वजह से अब कंपनी को वर्क ऑर्डर मिलने में परेशानी आ रही है.
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