Rahul Kumar
Ranchi: वार्ड नंबर आठ में कई समस्यायें हैं. वहां के स्थानीय लोग इलाके में फैली गंदगी से परेशान रहते हैं. वार्ड 8 के कॉलोनियों में सफाई कर्मचारियों के दर्शन शायद भी कभी हो पायें. इलाके की नालियों में सफाई ना होने से कचरा भरस गया है. और बारिश हुई तो गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है. खाली भूखंड गंदे पानी के तालाब बन गये हैं.
वार्ड में लगभग छह हजार के करीब आबादी है. आज आदर्श नगर मोहल्ले की बात कर रहे हैं.
सफाई नहीं होने से नालियां गंदगी से पटी हैं. वार्ड में दर्जनों हैंडपंप खराब पड़े हैं. बरसात में गंदा पानी लोगों के घरों में घुसता है. कॉलोनी के सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बहता है. इसी गंदगी से होकर मोहल्ले के लोग गुजरते हैं.घरों के पास से गुजर रही सड़क पर गंदा पानी, प्लॉटों में लंबी घास और भांग के पौधे खड़े हैं. वार्ड वासियों ने कई बार पार्षद, निगम प्रशासन से शिकायत की. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
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नालियों की सफाई पर हर माह होते हैं 1.50 करोड़ खर्च
राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना दिखाने वाले शहर के 53 वार्डों में स्थित नालियों की सफाई पर हर माह करीब 1.50 करोड़ रुपये खर्च किये जाते हैं. नगर निगम हर महीने रोस्टर के अनुसार, नालियों की सफाई कराने का दावा करता है. लेकिन वो भी महज खानापूर्ति ही रहती है.
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वार्ड 8 में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
शहर के वार्ड नंबर आठ के लोग मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है. वार्ड के चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कोकर का आर्दश नगर पहले निगम के वार्ड नंबर छह में आता था, जो वर्तमान में वार्ड 8 हो गया है. वार्ड छोटा होने के बावजूद लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह रहे हैं.
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आर्दश नगर में रह रहे लोगों ने क्या कहा
वार्ड नंबर आठ के गली नंबर तीन में नाली का गंदा पानी रोड पर बह रहा है. गंदे पानी से होकर लोग गुजर रहे हैं. वहां पर रह रहे लोगों का कहना है कि यहां हर दिन रोड पर गंदा पानी बहता रहता है. इसी से होकर हर रोज हम लोग गुजरते हैं. वहीं मोहल्ले के धीरेंद्र किशोर बताते हैं कि समस्या रोड और नाली की है. जब कोई पर्व त्योहार होता है, नालियों में बरसात सी आ जाती है. नगर निगम के सफाईकर्मी भी तीन महीने पर आते हैं. वार्ड पार्षद से भी शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है.
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