Ranchi : गर्मी से परेशान लोग बारिश के इंतजार में थे और जब बारिश हुई तो अब जलजमाव की समस्या उत्पन्न गई. कुछ दिन पहले ही अधिकारी नगर व्यवस्था की पुख्ता तैयारी की बात कह रहे थे. शहर के नालों की सफाई और कचरा उठाव पर ध्यान देने की बात कही जा रही थी, लेकिन जब बारिश हुई तो फिर वही नारकीय स्थिति सामने आ गई. नालों का पानी सड़कों पर गया. नाले का कचरा सड़क पर फैल गया. राजधानी हो या जिला मुख्यालय सभी जगह कमोबेश एक जैसी ही स्थिति है. नगर निगम क्षेत्र के कई वार्डों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई जगह सीवरेज और सड़क निर्माण को लेकर की गई खुदाई के कारण जलजमाव से आवागमन बाधित हो रहा है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण विभिन्न आवासीय कालोनी व बस्तियों में जलजमाव से नारकीय स्थिति हो गई है. लोगों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया है. सड़कों पर आवागमन बढ़ने से लोगों की परेशानी असंतोष के रूप में उभरने लगी है. लोगों ने नगर निगम के पदाधिकारियों समेत वार्ड पार्षदों को कोसना शुरू कर दिया है. कहीं सरकार के खिलाफ लोगों में नाराजगी है तो कहीं स्थानीय प्रतिनिधियों के खिलाफ असंतोष है. शुरुआती बारिश के बाद नगर का हाल जानने के लिए शुभम संदेश की टीम लोगों के बीच पहुंची और तैयार की रिपोर्ट…
हजारीबाग :
इंद्रपुरी व कल्लू चौक के पास जलजमाव से अक्सर लग जाता है जाम
हजारीबाग के इंद्रपुरी और कल्लू चौक पर अक्सर बरसात में जाम लग जाता है. मंगलवार को हुई बारिश से इंद्रपुरी चौक पर आधे घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही. वहीं कल्लू चौक और उसके आसपास के मुहल्ले खासकर पगमिल फ्रेंड्स कॉलोनी में जलजमाव से आवागमन में लोगों को काफी परेशानी होती है. राजद नेता संजर मलिक और मुहल्लेवासियों का कहना है कि नगर निगम को कई बार समस्याओं को लिखकर दिया. लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई. उधर रामनगर नाला के पास भी बरसात में जाम लगता है. ढलान होने की वजह से वहां भी जलमाव की स्थिति रहती है. लेकिन फिर कुछ समय के बाद पानी निकल जाता है. कुम्हारटोली इलाके में सड़कों पर जलजमाव रहता है.
ओकनी तालाब रोड की स्थिति भी नारकीय है. बारिश के साथ ही गली की सड़क लबालब भर जाती है और नालियों का नर्क सड़क पर आ जाता है. मटवारी कुम्हारटोली, मंडई आदि मुहल्लों में सड़क का पानी घरों में भी घुस जाता है. इस संबंध में नगर निगम की जिम्मेवार है. हालांकि आमजन भी नालियों में कचरा डालते हैं, इससे नालियां जाम हो जाती हैं. नगर आयुक्त प्रेरणा दीक्षित का कहना है कि कर्मी लगातार शहर की साफ-सफाई में वार्ड-दर-वार्ड लगे रहते हैं. फिर भी परेशानी है, तो नागरिकों की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाता है.
जमशेदपुर :
नगर निकाय के दावों को झुठलाते नाले में जमा गाद और कचरा, सड़कों पर जमा है पानी
बरसात के पूर्व मानगो नगर निगम द्वारा नालों की सफाई के लिए अभियान चलाया गया. इस दौरान बड़े व छोटे सभी नालों की सफाई कराने की बात कही गई. वहीं निगम कार्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित देशबंधु कॉलोनी के नाले में जमा गाद और कचरा निगम द्वारा की गई नालों की सफाई को झुठला रहे है. नाले में गाद और कचरा भरा होने के कारण बारिश के समय नाले का पानी सड़कों पर बहता है. साथ ही लोगों के घरों में पानी घुस जाता है.
कॉलोनीवासी गणेश शर्मा का कहना है कि निगम के पदाधिकारियों द्वारा अपनी गलतियों को छुपाने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि नाले में वर्षों से गाद और कचरा जमा है, जिसकी पूरी तरह से सफाई नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में नाले का पानी घरों में घुस जाता है. बारिश होने से डर लगता है. नाले की सफाई के लिए कॉलोनी वासियों द्वारा कई बार प्रदर्शन किया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. वहीं वार्ड नंबर 9 स्थित रिबेट कॉलोनी की नालियों की सफाई कई महीनों से नही हुई है. रिबेट कॉलोनी निवासी राकेश कुमार का कहना है कि कई बार शिकायत करने पर निगम द्वारा नालियों की सफाई कराई जाती है. मानगो बस स्टैंड के सामने सड़क पर जल जमाव बरसात को लेकर जेएनएसी की सफाई की पोल खोल रहा है.
गोड्डा :
पहली बारिश में शहर की स्थिति नारकीय
मानसून की पहली हल्की बारिश में ही गोड्डा शहर की नारकीय स्थिति हो गई. तीन दिन पहले कुछ मिनट तक बारिश हुई. बारिश की बूंदें खेतों की प्यास तो नहीं बुझा सकी, लेकिन नगर परिषद् के क्रिया कलाप की कलई खोल दी. नगर परिषद् अंतर्गत कई मोहल्लों में नालियों का पानी सड़क पर जमा हो गया. इसके वजह से लोगों को आवागमन में परेशानी हुई. कुछ मोहल्ले में तो नालियों का पानी घरों में घुस गया. वार्ड नंबर बीस के फसियाडंगाल में लोग जलजमाव के कारण घर से बाहर नहीं निकल सके. इसी प्रकार चपरासी मोहल्ला से बापू चौक से पोस्ट ऑफिस जाने वाली मुख्य सड़क पर भी नाली का गंदा पानी जमा हो गया. सिटी मैनेजर मुर्तजा अंसारी ने बताया कि नगर परिषद् के सभी मोहल्लों में विशेष अभियान चलाकर नालियों की सफाई कराई गई थी. फिर भी कहीं जलजमाव की समस्या है तो उसे दूर किया जाएगा.
घाटशिला :
शहर में आज सड़कें बनी गई हैं तालाब
घाटशिला में मानसून की पहली बारिश में ही सड़कों और नालियों की पोल खुल गई है. शहर की मुख्य सड़क के साथ-साथ कई स्थानों पर जलजमाव देखने को मिल रहा है. इसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घाटशिला की मुख्य और सबसे व्यस्ततम सड़क गोपालपुर रेलवे ओवरब्रिज के समीप की सड़कों पर लगभग एक फीट नाली का पानी जमा हो गया है. इस सड़क से प्रतिदिन हजारों लोग आना-जाना करते हैं, लेकिन इस पर न तो जनप्रतिनिधि का ध्यान है और ना ही प्रशासन का. जलजमाव के कारण सड़क जर्जर हो कर टूटने लगी है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि रेलवे ने मिट्टी जमा कर पानी के बहाव को रोक दिया है.
चंदवा :
जलजमाव से राहगीर व दुकानदार परेशान
चंदवा शहर स्थित मुख्य सड़क पर बने इंदिरा गांधी चौक के नजदीक सड़क की बनावट और नाली का निर्माण नहीं किए जाने के कारण अक्सर बारिश के मौसम में जलजमाव की शिकायत रहती है. जलजमाव होने से राहगीरों और दुकान दारों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. इस समस्या का कारण एनएच के द्वारा चौक स्थित नाली का निर्माण नहीं करवाया जाना है. दूसरी ओर शहर के नजदीक टोरी रेल क्रॉसिंग के समीप बरसात के हल्की बारिश में ही तुपी, जमीरा, रोल, देवनदिया जैसे दर्जनों गांव को जोड़ने वाली सड़क पर कीचड़ जम गये हैं. बरसात बढ़ने पर कीचड़ हो जाता है, इससे स्कूल के बच्चों को परेशानी होती
लातेहार :
नाला है जाम, शिवपुरी के लोग परेशान
नगर पंचायत के वार्ड नंबर आठ के शिवपुरी मुहल्ला निवासियों के लिए यह मॉनसून आफत ले कर आयी है. इस बारिश में आधे शहर की गंदगी नाली के रास्ते शिवपुरी में शिफ्ट हो गयी है. बदबू व गंदगी के बीच लोगों का यहां रहना दूभर हो गया है. स्थिति इतनी खराब है कि नाली से बहकर आ रहे सांप व अन्य जंतु आसपास के घरों में घुस रहे हैं. इससे लोग भयभीत हैं. वहीं लोगों को बीमारी का डर भी सता रहा है. एक तरफ बारिश का मौसम है तो दूसरी ओर इस बीच उत्पन्न होनेवाली बीमारी. बता दें कि नगर पंचायत के द्वारा चार वर्ष पूर्व यहां नाली का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन चार सालों में नाली का निमार्ण कार्य पूरा नहीं हुआ.
आदित्यपुर:
सड़क खुदाई से हो गया है जलजमाव
आदित्यपुर में दो दिन से झमाझम बारिश हो रही है. इससे आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के कई वार्डों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बारिश के पानी से वार्डों में जल जमाव होने से लोगों को परेशानी हो रही है. वार्डों में अब तक जलापूर्ति, सीवरेज और गैस पाइप लाइन के लिए की गई सड़कों की खुदाई से जगह-जगह जल जमाव हो गया है. जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण विभिन्न आवासीय कॉलोनी व बस्तियों में जलजमाव से नारकीय स्थिति हो गई है. आदित्यपुर क्षेत्र के अधिकांश एप्रोच रोड पर इन दिनों पैदल चलना मुश्किल हो गया है.
अस्पताल और नर्सिंग होम मार्ग में जलजमाव से परेशानी
वार्ड 17 में संजीवनी नर्सिंग होम के सामने ही खोदे गए गड्ढे में जल जमाव हो गई है. नर्सिंग होम के डॉक्टर अशोक कुमार बताते हैं कि जल जमाव होने से आम लोगों के साथ मरीजों को आने में परेशानी हो रही है.
कौन हैं जिम्मेदार
नगर निगम क्षेत्र में जल-जमाव की समस्याओं के लिए पूरी तरह से नगर निगम प्रशासन जिम्मेदार है. वर्तमान में नगर निगम का बोर्ड भंग है. इससे जनप्रतिनिधियों के हाथ बंधे हुए हैं. नगर निगम ने सभी वार्डों के रख-रखाव के लिए कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन वे उस शिद्दत से काम नहीं करते हैं, जितनी शिद्दत से पार्षद और मेयर एवं डिप्टी मेयर आम जनता की परेशानियों को हल करते थे. पिछले दिनों नगर निगम ने बैठक कर इस पर तैयारी की थी.
साहिबगंज :
कचरे से भरे हैं शहर के कई नाले
साहिबगंज शहर में नालों की सफाई नहीं होने से जलजमाव होने से शहरवासी परेशान हैं. साफ-सफाई की जिम्मेवारी नगर परिषद् की है. नालियों में प्लास्टिक व अन्य सामान फेंके जाने से नालियां जाम हैं. बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी है. हल्की बारिश में भी इन नालियों से पानी की निकासी नहीं होती है. इस वजह से पानी सड़कों पर आ जाता है. सड़क पर पानी जमा रहने से लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में गुलीभट्टा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद पांडेय ने बताया कि नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से जलजमाव होता है. शहर के कॉलेज रोड स्थित गुप्ता मार्केट के सामने नाली में कचरा भरा है. नाली से पानी की निकासी बंद है. बारिश की मौसम की शुरुआत हो चुकी है. पिछले साल भी टमटम स्टैंड के पास जलजमाव हुई थी.
नालियों की सफाई में लोगों से सहयोग की अपेक्षा है: सिटी मैनेजर
नगर परिषद् के सिटी मैनेजर भावेश यादव ने बताया कि नालियों की साफ सफाई में लोगों से भी सहयोग की अपेक्षा है. बारिश में जलजमाव न हो इसके लिए नालियों की सफाई बहुत जल्द होगी. उन्होंने लोगों से नालियों में कचरा नहीं फेंकने की अपील की है.
बोकारो :
जाम है नाली, बारिश न बढ़ा दे परेशानी
मानसून के दस्तक के साथ ही बरसात शुरू हो गई है. लेकिन अभी भी कई गली, मोहल्लों में नालियों की सफाई शुरू नहीं हुई है. नालियों में गोबर बहाव, प्लास्टिक, थर्माकोल के कप, ग्लास और प्लेट से बजबजाती हुई नालियां देखने को मिलेगी. नालियों के जाम हो जाने से तेज बारिश होने पर लोगों के घरों में भी पानी घुसने का डर सता रहा है. चास नगर निगम क्षेत्र के कई गली, मोहल्लों में बनी नालियां पूरी तरह से कूड़ा करकट से पट चुकी है. पानी निकासी की सही व्यवस्था ना होने से नाली का पानी लोगों के घरों के सामने ही जमा हुआ रहता है. अब भी समय रहते नालियों की सफाई सही तरीके से नहीं की गई तो ऐसी स्थिति में लोगों के घरों में नाली का पानी घूसने लगेगा. तब लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.
नालियों की सफाई हो रही है. चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने कहा कि नगर निगम की ओर से हर रोज नालियों की सफाई की जा रही है. क्षेत्र बड़ा होने के कारण थोड़ी दिक्कत हो रही है. लेकिन बारिश होने से पहले नालियों की पूरी तरह से साफ सफाई करा दिया जाएगा.
पाकुड़ :
सड़क पर बहने लगा है नाले का पानी
मानसून के दस्तक के साथ ही पाकुड़ शहर में सड़कों पर नालियों का गंदा पानी बहना शुरू हो गया है. नगर परिषद की ओर से मानसून से पहले शहर की नालियों की सफाई का दावा किया गया था. लेकिन पहली ही बारिश में शहर के कई हिस्सों में नालियां सड़क पर बहने लगी हैं. वार्ड नंबर के 16 मारवाड़ी पट्टी और वार्ड नंबर 3 के छोटी अलीगंज व धनुष पूजा में अब तक नालियों की साफ सफाई नहीं हो सकी है. जिसके के कारण नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहने लगा है. लिहाज़ा आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है. अगर ज़्यादा बारिश हो गई तो पैदल भी चलना दूभर हो जाता है. वार्ड नंबर 16 और वार्ड नंबर 3 के लोगों ने कई बार नगर परिषद से शिकायत भी की. लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला.
क्या कहते हैं अधिकारी
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी कौशलेश यादव ने कहा कि वार्ड नंबर 3 में सफाई कर्मी जब जाते हैं तो मोहल्ले के लोग उसे ग्रामीण क्षेत्र बताकर सफाईकर्मियों को वापस भेज देते हैं. जिसके कारण नालियों की सफाई नहीं हो पाई. जबकि बाकी सभी इलाकों में नालियों की सफाई कराई जा चुकी है.
धनबाद :
कोयलांचल में हल्की बारिश से ही सड़क व गली-मुहल्ले हो चुके हैं जलमग्न
कोयलांचल में मानसून ने अभी ठीक से दस्तक भी नहीं दी. लेकिन रुक-रुक कर पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने मुख्य सड़क सहित गली मुहल्लों व बाजार में जलजमाव ने विकराल रूप धारण कर लिया है. शहर के मेमको मोड़, रानीबांध तालाब, गोल्फ ग्राउंड, हाउसिंग कॉलोनी, आईआईटी के समीप, गया पुल, पुराना बाजार, तेलीपाड़ा रोड में सड़कों पर जलजमाव से लोगों को कठिनाई हो रही है. आवागमन मुश्किल हो गया है. इसकी बड़ी वजह नाली का अतिक्रमण, सड़क से नाली की ऊंचाई अधिक होने, नाली का रास्ता जाम हो जाने के कारण यह स्थिति बनी है. कुछ जगहों पर नई सड़क बनाने के लिए पुरानी सड़क पर गड्ढे खोद दिए गए हैं, जिससे जलजमाव हो गया है. बारिश से पहले मेंटेनेंस में जुटे नगर निगम या नगर परिषद के अधिकारियों का दावा फेल हो चुका है. अधिकारी ना तो नालों से अतिक्रमण हटा सके और न ही सफाई व सड़क पर की गई गलतियों को सुधार सके. इसका खामियाजा अब आम लोगों को भुगतना पड़ेगा.
बारिश में होता है हल्का फुल्का जलजमाव, ऐसे नालों की सफाई हुई है : कार्यपालक पदाधिकारी
इस संबंध में नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी मो अनीस ने बताया कि नालों की सफाई ठीक तरीके से कराई गई है. कई जगहों से अतिक्रमण भी हटाया गया है. बारिश में हल्का फुल्का जल जमाव होता है. इसके लिए अलग से टीम बनाकर काम कराया जा रहा है. हालत में जल्द सुधार देखने को मिलेगा.
झरिया:
मॉनसून आते ही शहर में नालियां बजबजाने लगी हैं
मानसून की दस्तक के साथ ही झरिया शहर के हर मुख्य चौक-चौराहों की नालियां बजबजाने लगी हैं. एक दिन की बारिश ने ही धनबाद नगर निगम की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. हालांकि यह समस्या वर्षों पुरानी है. हल्की बारिश से झरिया के कई इलाकों की सड़कें जलमग्न होती रही हैं. दरअसल झरिया में अधिकतर जगहों पर नालियां अपना अस्तित्व ही खो चुकी हैं. अतिक्रमणकारी दुकानदारों ने नालियों पर कब्जा कर लिया है. हालत यह है कि नालियों में पानी नहीं बहता, उसके ऊपर दुकानें सजी हुई हैं. जब अस्तित्व पर ही खतरा हो तो फिर साफ-सफाई कैसे होगी. महीनों से फंसे कचरों के कारण बरसात में पानी निकलने की राह बंद हो जाती है और नालियों का दूषित पानी सड़कों पर आ जाता है. ऐसे सैकड़ों अवैध मकान हैं, जिनका न कोई नक्शा है और न ही जिला प्रशासन को कोई जानकारी. गांधी रोड, धर्मशाला रोड, लक्ष्मीनिया मोड़, कतरास मोड़, चार नंबर रोड, टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड समेत ऐसी कई जगहें हैं, जहां सरकारी व रैयती जमीन पर दबंग व प्रभावशाली लोगों ने आलीशान मकान व दुकान खड़े कर लिये हैं.
लुप्त हुई नालियां, सड़कें भी हुईं संकरी
शहर में चार नंबर टैक्सी स्टैंड स्थित चर्चित होटल, उसकी बगल में जांच घर व कई अवैध दुकानों की तस्वीर से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि भू माफिया को न तो प्रशासन का ख़ौफ़ है और न ही लिहाज है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी झरिया की कई सड़कों की चौड़ाई पर्याप्त हुआ करती थी. बड़े वाहन आराम से गुजर जाते थे. मगर अब उन्हीं सड़कों पर दो पहिया वाहन भी मुश्किल से गुजर पाते हैं. दुकानदार पहले नाली व नालों को अस्थाई स्लैब डालकर ढक देते हैं, बाद में टाइल्स मार्बल लगा दिया जाता है. अगर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी तो ऐसी जगहों पर आलीशान दुकान या मकान बन जाते हैं. तब देर हो जाती है.
बरसात में सड़क व नाला एक समान
झरिया नई दुनिया निवासी संतोष रवानी कहते हैं कि झरिया शहर में जलजमाव अब आम बात है. बरसात आते ही सड़क व नाले समान हो जाते हैं. नालियां पूरी तरह लुप्त हो चुकी हैं. धर्मशाला रोड से चार नंबर जानेवाली सड़क के किनारे नालों में बरसात के मौसम में हर रोज कोई न कोई गिर कर चोटिल हो जाता है. जबकि प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. नहीं तो हालात बिगड़ेंगे.
पूजा करने जाओ तो मिलता है गंदा पानी
फतेहपुर निवासी गणेश कुमार ने कहा कि नहा कर मंदिर में पूजा करने आया था. किंतु सड़कों पर बहते नालियों के गंदे पानी से सिर्फ तन ही मैला नहीं होता, मन भी उदास हो जाता है. चार नंबर स्थित काली मंदिर की नालियां अक्सर जाम रहती हैं. नगर निगम को लोगों की परेशानी आखिर क्यों नहीं दिखाई देती.
सहायक नगर आयुक्त ने नहीं उठाया फोन
धनबाद नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त कंचन भदोलिया से फोन पर मामले की जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नहीं समझा.
रामगढ़ :
भुरकुंडा पटेल नगर से भुरकुंडा जाने वाले रास्ते में बढ़ा जलजमाव
बरसात आते ही जलजमाव शुरू होने लगा है. पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से भुरकुंडा पटेल नगर से भुरकुंडा जाने के मार्ग में जलजमाव बढ़ गया है. इससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोग उस रास्ते से जाने से बचते हैं. मार्ग बदल कर मुख्य बाजार पहुंचते हैं. पिछले कई वर्षों से बरसात के आगमन से पूर्व यह समस्या देखी जा रही है. कई बार लोगों ने इस समस्या को लेकर स्थानीय विधायक बड़कागांव अंबा प्रसाद से संपर्क भी किया. अंबा प्रसाद ने इस समस्या से निबटारे का ग्रामीणों को आश्वासन भी दिया. लेकिन आज तक स्थिति जस की तस है. लगातार हुई दो दिनों की बारिश के बाद एक बार फिर से इस सड़क की वास्तविक स्थिति सामने आ गई है. सड़क में जलजमाव शुरू हो गया है. पहले लोग भुरकुंडा बाजार इसी रास्ते से जाते थे. अब मार्ग बदलकर जाना पड़ रहा है. यह जलजमाव पिछले कई वर्षों से हो रहा है. लेकिन इसका समाधान ना तो जिला प्रशासन कर रहा है और ना ही यहां की विधायक कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि बरसात के पूर्व ही सड़क को बनाना चाहिए था, तो जलजमाव से बचाव हो जाता. ऐसे में लोगों को परेशानी नहीं होती.
गिरिडीह :
शहर में है पांच दशक पुरानी सीवरेज सिस्टम
गिरिडीह नगर निगम ने इस बार बड़े पैमाने पर नालियों की सफाई अभियान चलाया था. इसके बावजूद हल्की बारिश में जगह-जगह जलजमाव की शिकायतें मिल रही हैं. स्टेशन रोड, बरमसिया और मकतपुर में जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. जलजमाव के कारण स्टेशन रोड में सर्वाधिक जाम लगता है. बरसात से पूर्व शहर के बड़े नालों की सफाई का दावा किया जा रहा है पर नियमित सफाई ना होने के कारण फिलहाल स्थिति बदहाल है. विगत 2 दिनों की हल्की बारिश में नाले से ऊपर पानी बहता दिखा है. सीवरेज व्यवस्था के लिए नगर निगम क्षेत्र के लोगों को अभी लंबा इंतजार करना होगा. अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता इसमें बड़ा गतिरोध साबित हो रही है. खुली नालियों से ही दूषित पानी की निकासी होती
चक्रधरपुर :
रेलवे अंडर पास में 4 फीट तक जमता है पानी
चक्रधरपुर में सोमवार रात हुई झमाझम बारिश के कारण चक्रधरपुर के टेबुल लाइन के समीप बनाए गए अंडरपास में लगभग चार फीट पानी जमा हो गया है. अंडरपास में पानी जमा होने के कारण दोनों ओर से आवाजाही भी बंद हो गई है. इसके कारण लोगों को रास्ता बदल कर लंबी दूरी तय कर आना-जाना करना पड़ रहा है. लगभग डेढ़ साल पहले बने अंडरपास में पानी जमा होने पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई. स्थानीय लोगों ने कहा कि रेलवे अंडरपास का निर्माण वरीय अधिकारियों व अभियंताओं की देखरेख में कराया गया था, लेकिन निर्माण के दौरान कोताही बरते जाने के कारण ही अब अंडर पास में जलजमाव हो रहा है. इसके जिम्मेगार रेलवे के वरीय पदाधिकारी हैं. करोड़ों की लागत से बना अंडरपास बेकार साबित हो रहा है. अभी बारिश शुरू हुई है तो यह स्थिति है. आने वाले दिनों में बारिश तेज होने पर बद से बदतर स्थिति हो जाएगी.
नालियों व ड्रेनेज की समय पर सफाई नहीं किए जाने से जलजमाव
बारिश के पूर्व शहर के गली-मोहल्लों की नालियों की सही तरीके से सफाई नहीं किए जाने व रेलवे अंडरपास के नीचे स्थित ड्रेनेज से कचरा नहीं हटाए जाने के कारण ही शहर में जगह-जगह जल जमाव की स्थिति बनी है. हालांकि एक महीने पहले पोड़ाहाट अनुमंडल पदाधिकारी रीना हांसदा ने शहर के कुछ स्थानों पर नालियों के ऊपर बने स्लैब को तोड़कर साफ-सफाई कराई थी, लेकिन अधिकांश मोहल्लों में साफ सफाई नहीं हुई और ना ही मुख्य ड्रेनेज से कचरा हटाया गया.