Ranchi: हेमंत कैबिनेट ने 1932 का खतियान राज्य में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. झारखंड में स्थानीय की परिभाषा विधेयक- 2022 के प्रस्ताव को कैबिनेट की स्वीकृति दी गई है. 1932 के पूर्व के पूर्वजों को झारखंड का स्थानीय निवासी माना जायेगा. इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके अलावा ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है. हेमंत सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण के प्रस्ताव को 9वीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी. बुधवार को झारखंड मंत्रालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसपर फैसला लिया गया है.
इसके अलावा सुखाड़ को देखते हुए किसानों को राहत देने का फैसला लिया गया है. किसानों को रबी में 90% अनुदान पर बीज दिया जाएगा. वर्तमान बीज नीति को सरकार ने शिथिल किया है. कृषि विभाग की ओर से किसानों को बीज देने के लिए नीति बनायी गई है. नीति में प्रावधान है कि पहले 50 फीसदी अनुदान पर किसानों को बीज दिया जाता था अब इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया गया है. इस बार रबी के मौसम में किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर बीज मिलेगा.
जानें कैबिनेट के अन्य फैसलेः
- आंगनबाड़ी केंद्र और लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में बर्तनों खरीदने के लिए 6000 प्रतिवर्ष राशि प्रति आगनबाड़ी खर्च किया जाएगा.
- 86 प्रखंडों में प्रखंड कार्यालय भवन निर्माण के लिए 468 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- झारखंड में जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री में 2 % स्टांप शुल्क बढ़ा. अब जमीन और फ्लैट का रजिस्ट्रेशन शुल्क कुल 9 % होगा.
- झारखंड वित्त विधेयक- 2022 के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है.
- कोल्हान विश्वविद्यालय अंतर्गत डिग्री महाविद्यालय (जुगसालय) में प्राचार्य समेत 29 अध्यापकों के पद सृजित.
- बिनोवा भावे विश्वविद्यालय अंतर्गत 5 नव डिग्री विश्वविद्यालय में प्राचार्य समेत 145 अध्यापकों के पद सृजित. बरही, डुमरी, सतगांवा, बरकट्टा में होगी प्रतिनियुक्ति.
- झारखंड विधानसभा सचिवालय नियुक्ति प्रोन्नति अनियमितता की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग ने जो रिपोर्ट दी है उसके कुछ बिंदुओं के समाधान के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एस के मुखोपाध्याय इसपर रिपोर्ट देंगे.
- मंत्रियों के लिए खरीदे जाएंगे स्कॉट वाहन, चार करोड़ रुपये होंगे खर्च.
- स्कूलों में बच्चों को अब 5 दिन मिलेगा अंडा.
- आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के लिए नयी नियमावली को मिली स्वीकृति, समाज कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव से 77,000 सेविका-सहायिकाओं को मिलेगा लाभ.
नई नियमावली का फायदे
– अब आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 4750 रुपये प्रतिमाह मानदेय.
• आंगनबाड़ी सेविकाओं के मानदेय राशि में केंद्र का हिस्सा 2700 और राज्य सरकार का 6800 रुपये हिस्सा होगा.
• आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय राशि में केंद्र का हिस्सा 1350 और राज्य सरकार का 3400 रुपये हिस्सा होगा.
• राज्य के लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रही सेविका को 9500 रुपये और सहायिकाओं को 4750 रुपये प्रतिमाह मानदेय.
• लघु आंगनवाड़ी सेविकाओं को मिलने वाले 9500 रुपये में केंद्र का हिस्सा 2100 और राज्य सरकार का हिस्सा 7400 रुपये होगा.
• सभी आंगनबाड़ी कर्मियों का खुलेगा पीएफ एकाउंट, उसमें सरकार मानदेय का 6 प्रतिशत राशि अलग से जमा कराएगी.
• अब आंगनबाड़ी कर्मियों को भी अनुकंपा का मिलेगा लाभ.
इटकी में खुलेगा अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी
- 120 से 150 एकड़ जमीन 99 वर्षों तक लीज पर दी जाएगी. 3000 करोड़ इन्वेस्टमेंट का अनुमान अजीम प्रेमजी फाउंडेशन.