Ranchi: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार युवाओं को ठगने, रोजगार छीनने और असंवैधानिक फैसले लेने वाली सरकार है. यह सरकार जान-बूझकर वैसे फैसले लेती है, जो कोर्ट के दरवाजे पर टिक नहीं पाते हैं. सरकार अपने फैसलों से सिर्फ युवाओं और राज्य की जनता को गुमराह करती है. हेमंत सरकार की 2021 की नियोजन नीति को रद्द कर हाईकोर्ट ने इस सरकार का असली चेहरा उजागर कर दिया है. सरकार ने नियोजन नीति के तहत थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में ऐसे प्रावधान किये, जो असंवैधानिक और गैरकानूनी थे. हाईकोर्ट ने जनहित को ध्यान में रखकर निर्णय लिया है. भाजपा इसका स्वागत करती है. दीपक प्रकाश शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
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सरकार की नीयत में खोट थी, हिंदी को दरकिनार किया
दीपक प्रकाश ने कहा है कि हेमंत सरकार की नियोजन नीति 2021 का भाजपा शुरू से विरोध करती रही है. इस नीति में मातृभाषा हिंदी को दरकिनार कर अपमानित किया गया और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत उर्दू को प्राथमिकता दी गई. अगर भाषाई जनसंख्या के आधार पर देखें तो 2001 में राज्य में हिंदी बोलने वालों की संख्या 57 फीसदी थी, जबकि उर्दू बोलने वालों की जनसंख्या मात्र 8.6 फीसदी थी. 2011 में हिंदी भाषियों की संख्या बढ़कर 62 फीसदी हो गई, जबकि उर्दू जानने वालों की संख्या सिर्फ 7.34 प्रतिशत थी. सरकार की नीयत में खोट थी, इसलिए तुष्टिकरण की राजनीति की तहत नियोजन नीति में हिंदी को बाहर और उर्दू को अंदर करने का काम किया गया. संपर्क भाषा अंग्रेजी को भी हटा दिया गया.
हाईकोर्ट का फैसला जनता की जीत
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं के प्रति इस सरकार की नीयत ठीक ही नहीं है. भाजपा चाहती है कि मुंडारी और संथाली भाषाओं का राज्य में प्रचार-प्रसार हो और नौकरियों में इन भाषाओं का प्रावधान हो. कहा कि भाजपा ने इस नियोजन नीति के खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष किया था. नियोजन नीति के खिलाफ हाईकोर्ट का फैसला जनता की जीत है.
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