Ranchi : रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और निलंबित भाजपा नेता सीमा पात्रा की क्रिमिनल रिट पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने रांची सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार से यह जानकारी मांगी है कि चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान की नकल प्रार्थी को क्यों नहीं दी गई. अदालत ने इस संबंध में सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को इस आदेश की कॉपी रांची सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त को देने का निर्देश दिया गया है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. अदालत अब इस मामले में 6 नवंबर को सुनवाई करेगी.
युवती को बंधक बनाकर रखने का है आरोप
बता दें कि 31 अगस्त को सीमा पात्रा को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आदिवासी युवती की प्रताड़ना का आरोप है. दरअसल, अशोक नगर स्थित रोड नंबर एक में रहने वाली बीजेपी नेत्री सीमा पात्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 325, 346 और 374 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन पर अपने आवास पर लंबे समय से एक युवती को बंधक बनाकर रखने का आरोप है. जिसे पुलिस ने मुक्त कराया था. हाईकोर्ट में दाखिल क्रिमिनल रिट में उन्होंने अपने ऊपर दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है. उनकी ओर से अधिवक्ता राखी रानी पक्ष रख रही हैं. वहीं इस केस के सूचक और पीड़िता की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन पक्ष रख रहे हैं.