- हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बाद बीते दिनों ही नगर आयुक्त ने बड़ा तालाब के 43 भवनों को सील करने का दिया है निर्देश
- आशा लकड़ा ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कहा,बड़ा तालाब के इर्द-गिर्द 43 भवन मालिकों को किये नोटिस पर तत्काल प्रभाव से लगाए रोक
Ranchi: रांची की मेयर आशा लकड़ा ने गुरूवार शाम 6:08 प्रेस विज्ञिप्त जारी कर एक निर्देश दिया है. निर्देश बड़ा तालाब के किनारे अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर है. मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख बड़ा तालाब के इर्द-गिर्द 43 भवन मालिकों को जारी किए गए नोटिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है.
मेयर ने इसके लिए इन भवनों के कई वर्ष पुराने होने का जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि बुधवार को नगर निगम परिषद की बैठक में भी बड़ा तालाब के चारों ओर चिन्हित किए गए 43 भवन मालिकों को नोटिस जारी करने व संबंधित भवनों को तोड़ने संबंधी विषय पर चर्चा की गई थी. बैठक में उपस्थित पार्षदों की ओर से इस कार्रवाई पर रोक लगाने पर सहमति बनी थी.
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बड़ा तालाब के मूल क्षेत्रफल में नहीं किया गया है अतिक्रमण
उन्होंने कहा कि बड़ा तालाब के आसपास का क्षेत्र पुरानी रांची का हिस्सा है. अधिकांश भवन 50-60 वर्ष पुराने हैं. बड़ा तालाब के सुंदरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य के दौरान ही तालाब के क्षेत्रफल की मापी के बाद ही भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ था. इस लिहाज से बड़ा तालाब के मूल क्षेत्रफल में अतिक्रमण नहीं किया गया है. 50-60 वर्ष पूर्व निर्मित भवनों पर वर्तमान बिल्डिंग bylaws के तहत कार्रवाई करना उचित नहीं है. वर्षों पुराने भवनों को स्वीकृत भवन प्लान के दायरे में लाना और संबंधित भवन मालिकों से भवन प्लान की मांग करना उचित नहीं है. बेहतर होगा कि संबंधित भवन मालिकों के ज़मीन संबंधित कागजातों की जांच की जाए.
संबंधित भवनों को तोड़ने की चेतावनी देना न्यायोचित नहीं
आशा लकड़ा ने कहा है कि पूर्व में रांची एसडीओ के माध्यम से बड़ा तालाब के चारों ओर किए गए अतिक्रमित क्षेत्र में कार्रवाई की जा चुकी है. इसलिए पुनः बड़ा तालाब के चारों ओर चिन्हित किए भवन मालिकों को नोटिस जारी कर स्वीकृत भवन प्लान की मांग करना और स्वीकृत भवन प्लान नहीं दिए जाने पर संबंधित भवनों को तोड़ने की चेतावनी देने न्यायोचित नहीं है.
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43 भवन को सील करने व तोड़ने का है निर्देश
बता दें कि दो दिन पहले ही बड़ा तालाब के चारों और बने 43 भवनों को सील करने का निर्देश रांची नगर निगम द्वारा जारी हुआ है. यह निर्देश तालाब को बचाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बाद उठाया गया है. इसके बाद इन भवनों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
इसमें सेवा सदन,चिन्मय मिशन समेत कई शोरूम और बड़े प्रतिष्ठान का नाम शामिल है. 3 बार नोटिस भेजने के बाद भी भवन मालिकों ने निगम में आवश्यक कागजात जमा नहीं किया था,जिसके बाद यह पहल हुई है.
बिल्डिंग बॉयलाज का उल्लंघन कर बनाये भवनों पर होगी वैधानिक कार्रवाई
नगर आयुक्त ने बताया है कि बिल्डिंग बॉयलाज का उल्लंघन करके अगर कोई भी भवन बनायी जाती है, तो सरकार द्वारा बनाए एक्ट के तहत ऐसे भवन मालिकों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
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