Ranchi: सारंडा में फर्जी मुठभेड़ के आरोपित सीआरपीएफ के तत्कालीन सहायक कमांडेंट शंभू कुमार विश्वास की अग्रिम जमानत पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने आरोपित शंभू कुमार विश्वास को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी. सुनवाई के दौरान वादी के अधिवक्ता विनोद सिंह ने अदालत को बताया कि सीआइडी की ओर से दर्ज प्राथमिकी गलत है और दुर्भावना से ग्रस्त है. इस मामले की सीआरपीएफ ने अपने स्तर से जांच कराई थी, जिसमें सहायक कमांडेंट को क्लीन चिट मिली है.मामले की पुलिस जांच में कई गवाहों ने नक्सली मुठभेड़ की घटना को सही बताया है,लेकिन छह माह बाद सोनवा के तत्कालीन थाना प्रभारी के बयान पर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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जून 2011 में सीआरपीएफ ने कांबिंग ऑपरेशन में मुठभेड़ हुई थी
सुनवाई के बाद अदालत ने शंभू कुमार विश्वास को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है. बता दें कि चाईबासा के छोटा नगरा थाना क्षेत्र के सांरडा जंगल में जून 2011 में सीआरपीएफ ने कांबिंग ऑपरेशन चलाया था. मुठभेड़ में मंगल होनहांगा को गोली लगी और उसकी मौत हो गई थी.इसको लेकर सीआरपीएफ की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन बाद इस मामले की जांच सीआइडी को सौंपी गई. मामला कथित रूप से फर्जी मुठभेड़ का पाए जाने के बाद सहायक कमांडेंट के खिलाफ वर्ष 2012 प्राथमिकी दर्ज कराई गई.