Ranchi : धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदेहास्पद परस्थितियों में मृत्यु के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई गंभीर सवाल उठाये हैं. मुख्य न्यायाधीश जज उत्तम आनंद मामले में हाईकोर्ट काफी संजीदा है. इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हर एक पहलू पर काफी गंभीरता से नजर रखी जा रही है. मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और न्यायमूर्ति जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने 8 पन्नों का ऑर्डर जारी किया. उस आदेश की प्रति के कुछ मुख्य बिंदु हम अपनी इस खबर में प्रकाशित कर रहे हैं.
हाईकोर्ट ने क्या-क्या उठाये हैं सवाल
- सड़क पर गिरने से सिर में गंभीर चोट लग सकती है या नहीं ?
- जांच अधिकारी जब मौत के कारण का अनुसंधान कर रहे हैं, तो ऐसी कौन सी परिस्थिति आ गयी कि उन्हें पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से मौत का कारण पूछा? जबकि सीसीटीवी कैमरा का फुटेज में सभी घटनाक्रम मौजूद है.
- जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि बड़ी चोट लगने से मौत हुई है, तो जांच अधिकारी को मौत किस चीज से हुई, इसका अनुसंधान खुद करना चाहिए था. यह बात समझ से परे है कि उन्होंने पीएमसीएच के डॉक्टर से मौत का कारण क्यों पूछा ?
- घटना के दो से चार घंटे में ही सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया था तो प्राथमिकी जज की पत्नी के बयान के बाद दर्ज क्यों की गयी ?
- दुर्घटना के बाद सुबह 5.30 बजे ही जज को निजी अस्पताल ले जाया गया था. अस्पताल वालों ने पुलिस को सूचना भी दी. ऐसे में प्राथमिकी तत्काल दर्ज नहीं कर 12.45 बजे क्यों की गयी?
- जज की पत्नी का बयान लेने के बाद ही प्राथमिकी क्यों दर्ज की गयी ?
28 जुलाई को मार्निंग वॉक के दौरान हुई थी घटना
बीते 28 जुलाई की सुबह धनबाद में मार्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो के धक्के से उनकी मौत का मामला सामने आया था. झारखंड पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में प्रयुक्त ऑटो और उसके ड्राइवर को धर दबोचा था. मुख्यमंत्री की पहल पर मामले के त्वरित अनुसंधान और दोषियों को दबोचने के लिए एसआइटी का गठन किया गया था. सीएम ने मामले की सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा भी कर दी है.