Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग के संत कोलंबस कॉलेज के प्रिंसिपल की सेवा समाप्ति के मामले में विनोबा भावे यूनिवर्सिटी के वीसी से जवाब मांगा है. डॉ सुशील टोप्पो की ओर से इस संबंध में याचिका दाखिल की गई है. डॉ सुशील टोप्पो की ओर से झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन पक्ष रख रहे हैं. मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ एसएन पाठक के कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान डॉ सुशील टोप्पो के अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने अदालत को बताया कि उनकी सेवा समाप्ति नियम विरुद्ध की गई है. उन्होंने अपनी बहस में अदालत के समक्ष कहा कि ब्रिटिश काल से ही यह व्यवस्था चली आ रही है कि छोटानागपुर डायसिस (चर्च से संबंधित संस्था) ही प्राचार्य की नियुक्ति करती है और वीसी उसे अप्रूवल देते हैं.
याचिका पर अब 27 जुलाई को सुनवाई
लेकिन डॉ सुशील टोप्पो को वीसी के आदेश से हटा दिया गया और उनसे कम पात्रता रखने वाले व्यक्ति को प्राचार्य नियुक्त कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है. अदालत ने इस मामले में विनोवा भावे विश्वविद्यालय के वीसी और छोटानागपुर डायसिस को चार सप्ताह में काउंटर एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत अब सुशील टोप्पो की सर्विस मैटर से संबंधित याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई करेगी.
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