Ranchi : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रविरंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से बहस और दलीलें सुनने के बाद नियोजन नीति पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब झारखंड समेत अन्य राज्य के वैसे अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट के फैसले का बेसब्री से इंतजार है, जो झारखंड में निकलने वाली नियुक्तियों में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे हैं. 7 सितंबर को हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
JSSC नियमावली में संशोधन को गलत बताया है
गौरतलब है कि रमेश हांसदा एवं अन्य ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्य सरकार द्वारा JSSC नियमावली में किये गए संशोधन को गलत बताया है. साथ ही इसे निरस्त करने की मांग अदालत से की है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार ने नियमावली में संशोधन किया है, जिसके तहत राज्य के संस्थान से ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र ही नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. यह नियम सिर्फ सामान्य श्रेणी के छात्रों पर ही लागू होगी, जबकि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के मामले में यह आदेश लागू नहीं होगा. वहीं भाषा के पेपर से हिंदी और अंग्रेजी को भी हटा दिया गया है. जबकि उर्दू, बांग्ला और ओड़िया भाषा को शामिल किया गया है. इन शर्तों के कारण JSSC द्वारा नियुक्तियों के लिए जारी विज्ञापन में कई अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए इस नियमावली को रद्द किया जाना चाहिए.
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