Ranchi : कास्ट सर्टिफिकेट से जुड़े मामले में भाजपा विधायक समरी लाल की याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. विधायक समरी लाल की ओर से हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार सिन्हा और अधिवक्ता कुमार हर्ष ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा. मंगलवार को सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी कर ली गई. जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में समरी लाल की याचिका पर सुनवाई हुई.
समरी लाल ने कास्ट स्क्रूटनी कमिटी के आदेश को चुनौती दी है
समरी लाल ने कास्ट स्क्रूटनी कमिटी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया गया था. याचिका में कहा गया है कि बिना किसी ठोस आधार के समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को अवैध करार दिया गया है. यह नैसर्गिक न्याय नहीं है. प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 1956 में एकीकृत बिहार में उस जाति को एसटी में शामिल किया गया था, जिस जाति से वे आते हैं. लेकिन 1 अप्रैल को स्टेट स्क्रूटनी कमिटी ने बिना किसी गवाह और ठोस साक्ष्य के उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत करार दिया है.
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