Ranchi : सोमवार को टाना भगतों द्वारा लातेहार सिविल कोर्ट में किये गये प्रदर्शन और लाठीचार्ज की घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. घटना पर अदालत ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और DGP को तलब किया. मंगलवार को मुख्य सचिव और DGP अदालत के समक्ष हाज़िर हुए. कोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि किसी कोर्ट परिसर में इतनी बड़ी घटना हो जा रही है इसका मतलब है कि पुलिस का इंटेलीजेंस फेल है. राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच ने स्वतः संज्ञान लिया है.
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सोमवार को टाना भगत संघ ने किया था घेराव
बता दें कि टाना भगत संघ ने सोमवार को लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया था. संघ के लोग संविधान की पांचवी अनुसूची क्षेत्र का हवाला देते हुए कोर्ट-कचहरी बंद करने की मांग कर रहे थे. टाना भगतों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत पूरे न्यायालय को 4 घंटे तक घेरे रखा था. टाना भगतों के आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को न्यायालय परिसर में तैनात कर दिया गया. अधिकारी टाना भगतों को समझाने की कोशिश कर रहे थे. काफी समझाने के बाद भी टाना भगत नहीं माने और तोड़फोड़ शुरू कर दी. जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. आंसू गैस के गोले दागे. इसमें अफसर इंचार्ज समेत कई अधिकारी और कई आंदोलनकारी भी घायल हुए हैं. बता दें कि यह देश की पहली घटना है, जब न्यायपालिका को आंदोलन का सामना करना पड़ा.
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