Varanasi : उत्तर प्रदेश की वाराणसी की जिला अदालत द्वारा हिंदू पक्ष के हक में फैसला देते हुए ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दिये जाने की खबर आयी है. इस क्रम में कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया है. तहखाना मस्जिद के नीचे है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Petitioners & Advocates representing the Hindu side in the Gyanvapi case show a victory sign after the court grants permission for puja in the ‘Vyas Ka Tekhana’. pic.twitter.com/udzisYReXF
— ANI (@ANI) January 31, 2024
#WATCH | UP | Gyanvapi case | Hindu side lawyer, Advocate Subhash Nandan Chaturvedi says, “…Today right has been given to perform puja at ‘Vyas Ka Tekhana’ and the court has given the order to the District Officer for compliance of the order within a week…” pic.twitter.com/3dAvqjcwfx
— ANI (@ANI) January 31, 2024
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड द्वारा पूजाःअर्चना करवाई जायेगी
जिला अदालत के आदेश के बाद अब यहां यहां नियमित पूजा अर्चना होगी. जानकारी के अनुसार काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड द्वारा पूजाःअर्चना करवाई जायेगी. ज्ञानवापी के सामने बैठे नंदी महाराज के सामने से रास्ता खोला जायेगा. हिंदू पक्ष ने इसे बड़ी जीत करार दिया है. 30 साल बाद न्याय मिलने का दावा किया गया है. जान लें कि नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता रहा था.
अदालत ने पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था
इससे पहले कल मंगलवार को वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास तहखाने में पूजा-पाठ की अनुमति दिये जाने संबंधी अर्जी पर सुनवाई हुई. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत ने पक्षों की बहस सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था.
इस संबंध में वादी शैलेंद्र पाठक व्यास के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बहस कहा कि उनके आवेदन के एक हिस्से को स्वीकार करते हुए अदालत व्यास तहखाने को डीएम के सुपुर्द करने में आदेश दे चुकी है.
1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने पूजा पाठ बंद करा दिया था
अदालत से गुहार लगाई गयी थी कि तहखाने के सामने की गयी बैरिकेडिंग खोल दी जाये और व्यास तहखाने में पूजा-पाठ करनेजाने दिया जाये. दलील दी कि तहखाने में व्यास परिवार 1993 तक पूजा पाठ करता रहा था. 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार ने तहखाने में पूजा पाठ बंद करा दिया था
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहम व एखलाक अहमद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि व्यास तहखाना मस्जिद का हिस्सा है.वहां पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कल आदेश सुरक्षित रख लिया था.