Lagatar Desk: आज होली का त्यौहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. होली पर रंगों के साथ-साथ खान-पान का भी लोग ध्यान रखते हैं. होली भाईचारे का त्योहार तो है ही ये पकवानों का दिन भी है. कुछ पकवान ऐसे हैं जिनके बिना होली का मजा अधूरा होता है. बच्चे हो या बड़े वो इन पारंपरिक पकवानों को खाने के लिए भी साल भर होली का इंतजार करते हैं.
दही वड़ा
यूपी, बिहार और देश के अन्य कई हिस्सों में होली पर दही वड़े बनाने का रिवाज है. उड़द की दाल को पीसकर उसमें काली मिर्च, नमक और इलायची डाल कर इसे बनाया जाता है. वड़े को डीप फ्राई करने के बाद इसे दही के साथ सर्व करते हैं और ऊपर से खट्टी-मीठी चटनी जरूरी डाली जाती है, ताकि दही वड़े का पारंपरिक स्वाद बना रहे. आप इन्हें होली पर बना सकते हैं.
ठंडाई
होली बिना ठंडाई के अधूरा होता है. ठंडाई का स्वाद होली के रंग और उमंग को और भी बढ़ा देता है. होली के मौके पर हर शहर और गांवों के हर चौराहे पर ठंडाई मिल जाएगी. इसे बनाना काफी आसान है. इसे काजू, बादाम और अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट से तैयार किया जाता है. इसके अलावा इसमें मगज के बीज, सौंफ़, गुलाब की पंखुड़ियाँ, इलायची, काली मिर्च, केसर, दूध और चीनी भी शामिल होती हैं.
गुजिया
साल भर ये स्वीट डिश कभी बने ना बने लेकिन होली पर जरूर बनती है. होली के दिन हर घर में गुजिया बनाया और खाया जाता है. बाजारों में भी उनकी कई वैरायटी मिलती है, सूजी गुजिया, खोया गुजिया और चॉकलेट गुजिया जैसे कई वैरायटी होली पर बाजार में उपलब्ध रहते हैं.
मूंग दाल की कचौरी
मूंग दाल की कचौरी होली के त्योहार के दौरान एक और लोकप्रिय भोजन है. इन छोटे गोल आकार की पेस्ट्री गेंदों को मसालेदार मिश्रण से भरकर मूंग दाल और पूरे मसालों के साथ बनाया जाता है. कचौरी को अक्सर आलू की सब्जी या इमली की चटनी के साथ परोसा जाता है.
मालपुआ
मालपुआ के बिना होली का त्यौहार अधूरा है. होली पर दूध और आटे के साथ ड्राई फ्रूट्स को मिलाकर रस भले मालपुए बनाने की परंपरा सालों से चली आ रही है. कुछ लोग इसमें केला भी मिलते हैं, वहीं क्रिस्पी बनाने के लिए सूजी भी. इन मालपुओं का स्वाद मुंह में ऐसा घुलता है कि होली और भी रंगभरी हो जाती है.
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