NewDelhi : लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल 2021 पास हो गया. इसे यहां ध्वनिमत से पारित किया गया. इससे पहले इस आशय से संबंधित अध्यादेश पहले ही जारी किया जा चुका है.
जान लें कि 7 जनवरी 2021 को इस केंद्र ने अध्यादेश जारी किया था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर के सिविल सर्विस कैडर को खत्म करते हुए उसका विलय एजीएमयूटी कैडर में कर दिया है.
I have said in this House & I say it again that this Bill has got nothing to do with the statehood of Jammu & Kashmir. Statehood would be given to Jammu & Kashmir at an appropriate time: Union Home Minister Amit Shah https://t.co/2AgL6Dnfuq
— ANI (@ANI) February 13, 2021
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है . उपयुक्त समय पर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जायेगा.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोकसभा में यह बात कही.
विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं
लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा.
उन्होंने कहा कि मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है. उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जायेगा. 4जी इंटरनेट सुविधाएं दबाव में बहाल करने के आरोप पर जवाब देते हुए शाह ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है.
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नरेंद्र मोदी की सरकार देश के लिए फैसले करती है
अमित शाह ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं, जिसका वह समर्थन करते थे. यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, जो देश के लिए फैसले करती है. अमित शाह ने आगे कहा कि यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किये गये थे, उनका क्या हुआ?
मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?
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औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं
अमित शाह ने कहा कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं.
गृह मंत्री ने कहा कि मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें. राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो. शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं.
एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? उन्होंने कहा कि अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं.
बता दें कि एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू कश्मीर में आबादी के हिसाब से मुस्लिम अफसरों की संख्या कम होने का आरोप लगाया था.
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