Ranchi: झारखंड में राज्यसभा चुनाव-2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले डीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को क्लीन चिट मिल गई है. हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में मार्च 2018 में गृह विभाग के अपर सचिव ने केस दर्ज कराया था. पांच साल से अधिक समय तक चली जांच के बाद पुलिस को इस केस में कोई साक्ष्य नहीं मिला. रांची पुलिस ने इस मामले को लेकर पिछले महीने महाधिवक्ता से मंतव्य मांगा था. मंतव्य मिलने के बाद साक्ष्य नहीं होने की वजह से केस बंद करने का आदेश सिटी एसपी ने केस के अनुसंधान पदाधिकारी को दिया था.
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अनुराग गुप्ता को विभागीय जांच में मिली थी क्लीन चिट
बता दें कि हार्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता पर चल रही विभागीय जांच सितंबर 2021 में पूरी हो गई थी. विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी डीजी एमवी राव ने (सेवानिवृत्ति) 30 सितंबर 2021 को राज्य सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में एडीजी अनुराग गुप्ता के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है.
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भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था. भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी. आयोग ने प्रथम दृष्ट्या आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. हॉर्स ट्रेडिंग मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था. भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद 2017 में ही हॉर्स ट्रेडिंग मामले में धारा 171बी व 171सी भारतीय दंड विधान के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाने का आदेश दिया था. तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी. उस वक्त सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम लगाने की अनुमति नहीं दी थी. 29 मार्च 2018 को केवल तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ जमानतीय धारा 171बी व 171सी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.