-कैबिनेट कोर्डिनेशन ने विभागों व जिलों के अधिकारियों को भेजा पत्र
Ranchi : सांसदों, विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों को अधिकारियों द्वारा तवज्जो नहीं देने की बात अक्सर सामने आती रहती है. समय-समय पर जन प्रतिनिधि उचित प्लैटफॉर्म पर इस मुद्दे को उठाते भी हैं. सरकार ने इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए कदम उठाया है. सरकार ने सभी अधिकारियों को एक बार फिर जन प्रतिनिधियों से कैसे व्यवहार करें, इसका पाठ पढ़ाया है. कैबिनेट कोर्डिनेशन ने पिछले दिनों इस संबंध में सभी विभागों, जिला के प्रमुख अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखा है.
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दो पन्नों के पत्र में पांच बिंदु बताये गये
कैबिनेट कोर्डिनेशन के सचिव की ओर से जनवरी के अंतिम सप्ताह में यह पत्र निर्गत किया गया है. पत्र दो पन्नों का है और इसमें जन प्रतिनिधियों से व्यवहार के लिए पांच बिन्दुओं के बारे में बताया गया है. पत्र सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, प्रमंडलीय आयुक्त, विभागाध्यक्ष, उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि जन प्रतिनिधियों की बातों को ध्यान से सुनें और उन्हें उचित मान-सम्मान दें.
पत्र और सुझाव पर ध्यान नहीं देने की शिकायत
पत्र में कहा गया है कि सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहार के संबंध में 18 जनवरी 2011 को दिशा-निर्देश जारी किया गया था. नया दिशा-निर्देश इसी क्रम में हैं. पत्र में कहा गया है कि अक्सर ये शिकायत मिलती है कि जनप्रतिनिधियों के पत्र व सुझाव को अधिकारी प्राथमिकता नहीं देते हैं. उनका समय पर उत्तर नहीं दिया जाता है. यह भी सूचना मिली है कि अधिकारियों की ओर से जन प्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाया जाता है. सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है.
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अधिकारी सम्मानजनक व्यवहार करें
पत्र में कहा गया है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें. उनके साथ शिष्टाचार से बात करें. उनकी बातों को धैर्य से सुने. उनके द्वारा उठायी गई बातों को प्राथमिकता दें. नियामानुसार समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करें. साथ ही जो कार्रवाई की गयी उसकी भी सूचना जन प्रतिनिधियों को दें. जिन मामलों में अंतिम निर्णय लेने में देर हो वैसे मामलों की जानकारी शिष्टाचार के साथ जनप्रतिनिधियों को दें.
अपवाद को छोड़कर किसी भी परिस्थिति में अपना फोन स्वीच ऑफ नहीं करें. जन प्रतिनिधियों के फोन को रिसीव करें. अगर किसी कारण से फोन रिसीव कर नहीं सकें, तो कॉलबैक करें. सभी जनप्रतिनिधियों के प्रति सम्मान रखें. अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वह सरकार के आदेश का पालन करने में किसी तरह की ढिलाई नहीं करेंगे.
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