Jamtara: दहेज के लिए विवाहिता को जलाकर हत्या करने के एक मामले में बुधवार को जिला न्यायालय में फैसला सुनाया गया. जिला जज द्वितीय बिपिन बिहारी गौतम की अदालत में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गयीं. इसके बाद जज ने कोटा बांध निवासी पति नंदलाल वर्धन और सास आशा वर्धन को दोषी करार दिया.
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पति को आजीवन कारावास
कोर्ट ने पति को अर्थदंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं आरोपी सास आशा वर्धन को भी अर्थदंड और 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
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पिता ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी
बता दें कि यह घटना 29 मई 2001 की है. इस मामले पर दुमका थाना क्षेत्र के जरमुंडी निवासी मृतका के पिता सत्यवान घोष ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. आरोप है कि सास तथा पति द्वारा 10000 रुपये और सोफासेट नहीं दिये जाने पर मृतका अंजली देवी पर किरासन तेल छिड़ककर आग लगाकर उसकी हत्या कर दी.
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दहेज के लिए आग लगाकर की हत्या
बताया जाता है कि हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने के लिए दाह संस्कार भी कर दिया गया. बताया जाता है कि मृतका की 4 वर्षीय पुत्री के सामने ही आग लगाकर हत्या की गयी थी. आखिर में कोर्ट ने दोनों को दोषी मानते हुए सजा दी.
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