Ranchi: सांसद बनने के बाद रेल विकास को लेकर मुखर रहे संजय सेठ की एक भी मांग पूरी नहीं हो रही. रेल मंत्री से लेकर संसद तक कई बार इन मांगों को नियमित रूप से उठा रहे हैं. जोनल कार्यालय से लेकर विस्टाडम कोच चलाने तक एक के बाद एक दस मांगें कर चुके हैं. लेकिन रेलवे उनकी मांगों को हर बार दरकिनार करती रही है. सहमत होने के बाद भी रेलवे उन्हें आश्वासन का झुनझुना थमा देती है. यह सिलसिला जारी है.
जोनल कार्यालय सबसे महत्वपूर्ण है
बता दें कि उनकी मांगों में जोनल कार्यालय सबसे महत्वपूर्ण है. सभी मांगों को पूरा कर दिया जाए तो रांची क्या पूरे झारखंड में रेलवे की तकदीर संवर जाएगी. रेल संसाधनों का विकास तो होगा ही साथ ही यात्री सुविधाओं के साथ खुद रेलवे और उनके कर्मियों का भी कल्याण होगा. इसके बाद रांची को विकास कार्यों के लिए हाजीपुर या कोलकाता मुख्यालय पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. विकास कार्य तेजी से होगी और 20-20 वर्षों से चल रही परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी.
बता दें कि 2019 में सांसद बनते ही सेठ ने पहली मांग के रूप में रांची में जोनल कार्यालय बनाने का मुद्दा उठाया था. तत्कालीन रेल मंत्री पियूष गोयल से लेकर वर्तमान मंत्री अश्विनी वैष्णव और बोर्ड के चेयरमैन से लेकर सभी प्रमुख अधिकारियों से मिल चुके हैं. जोनल कार्यालय का मामला बिहार और पश्चिम बंगाल से जुड़ा है. पहले तो इन राज्यों में चुनाव के कारण मामले को टाल दिया गया. लेकिन चुनाव के महीनों बीतने के बाद भी इस पर कुछ नहीं किया गया. अब सेठ इसे नए सिरे से उठा रहे हैं.
रेल नीर प्लांट की मांग भी लंबित है
इसी तरह रेल नीर प्लांट लगाने की मांग भी लंबित है. जबकि तत्कालीन रेल मंत्री पियूष गोयल ने यह योजना बनायी थी. बावजूद इस मामले पर काम नहीं हुआ. जबकि कोलियरी क्षेत्र के खाली खदानों में जरूरत से ज्यादा पानी उपलब्ध है. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. अन्य मांगें भी पूरी होने का इंतजार कर रहीं हैं.
इसे भी पढ़ें- बिहार के सरकारी कर्मियों को जल्द मिलेगा महंगाई भत्ते का तोहफा, तैयारी में जुटा वित्त विभाग
पॉलिसी मैटर से संबंधित है
संजय सेठ ने कहा कि धीरे-धीरे सभी मांगें पूरी होंगी. एक मांग राजधानी एक्सप्रेस को टोरी होकर चलाने की मांग जल्द पूरी होनेवाली है. जोनल कार्यालय की मांग बड़ी है. यह पॉलिसी मैटर से संबंधित है. अन्य मांगों के लिए भी लगातार कोशिश कर रहा हूं. जब भी दिल्ली में होता हूं, समय मिलते ही मंत्रालय जाकर अपनी मांग पर दबाव बनाता हूं. कोविड के कारण भी मांगें पूरी होने में बाधा आ रही है. समय मिलते ही सभी मांगे एक-एक कर पूरी होंगी.
इसे भी पढ़ें- अलर्ट मोड पर स्वास्थ्य विभाग, कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए एडवाइजरी जारी
बाकी हैं ये मांगें
- कोलियरी क्षेत्र में रेल नीर लगाने की मांग
-
झारखंड के लिए रांची में अलग जोनल कार्यालय खोले जाएं
-
केतारी बागान और चुटिया में रेलवे ओवरब्रिज की मांग
-
रांची शहर में फ्लाइओवर का निर्माण शुरू किया जाए
-
रांची राजधानी एक्सप्रेस को लोहरदगा टोरी होकर चलाया जाय
-
राजधानी एक्सप्रेस को रोजाना चलाया जाए
-
रांची जयनगर एक्सप्रेस को प्रतिदिन चलाया जाए
-
सब्जी उत्पादकों के लिए किसान रेल चलाया जाय
-
विस्टाडम (पर्यटन क्षेत्र से संबंधित) कोच चलाया जाय
-
किसान रेल चलाया जाय
इसे भी पढ़ें- महबूबा मुफ्ती मोहम्मद सईदः राजनीति में जिंदा रहने की कवायद
[wpse_comments_template]