Ranchi : राज्य के सभी जिलों के समाहरणालय (डीसी ऑफिस) में जनसंपर्क का काम प्रभावित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि जनसंपर्क का काम देखने वाले 120 असिस्टेंट पब्लिक रिलेशन ऑफिसर्स (एपीआरओ), सोशल मीडिया एंड पब्लिसिटी ऑफिसर्स (एसएमपीओ), कंप्यूटर ऑपरेटर व साउंड ऑपरेटर शुक्रवार यानी 3 जून से काम का बहिष्कार कर सकते हैं. बुधवार को 18 जिलों के कर्मियों ने जूम मीटिंग कर काम के बहिष्कार का फैसला किया है. ऐसा होता है, तो सभी जिलों के डीसी ऑफिस में काम बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है.
सूचना और जनसंपर्क विभाग अंतर्गत कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत सभी 120 कर्मी इसलिए नाराज है कि पिछले चार माह से कंपनी ड्रीमलाइन को एक्सटेंशन देने और इनके बकाया वेतन देने की फाइल आइएएस राजीव अरूण एक्का के पास पड़ी है. राजीव अरूण एक्का आईपीआरडी के प्रमुख सचिव है. लेकिन इनके स्तर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. कर्मियों को आश्वासन मिला था कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा. लेकिन केवल आश्वासन और अपनी भविष्य की चिंता को देख सभी 120 कर्मियों ने एक साथ काम के बहिष्कार का फैसला किया है.
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फरवरी में ही कॉन्ट्रैक्ट हो गया था खत्म
दरअसल आईपीआरडी अंतर्गत कार्यरत 120 कॉन्ट्रैक्ट कर्मी फरवरी 2019 में ड्रीमलाइन के द्वारा भर्ती कराये गये थे. चार माह पहले यानी 4 फरवरी 2022 में इस कंपनी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया. उसके बाद कंपनी ने सभी कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने का भरोसा दिलाकर काम जारी रखवाया. 5 अप्रैल में सभी कर्मियों को कंपनी द्वारा ईमेल कर जानकारी दी गयी कि एक्सटेंशन का फैसला नहीं हुआ है. अगर विभाग एक्सटेंशन को रद्द करती है, तो उसी समय से सभी की सेवाएं रदद् कर दी जाएगी.
चार सदस्यीय कमिटी ने एक्टेंशन देने का दिया था सुझाव
कंपनी “ड्रीम लाइन’ या अधीन काम कर रहे 120 कर्मियों को एक्सटेंशन मिलने को लेकर विभाग द्वारा एक चार सदस्यीय कमिटी बनायी गयी थी. कंपनी ने दिये अपने रिपोर्ट में एक साल का एक्टेंशन देने का सुझाव दिया. सुझाव की फाइल राजीव अरूण एक्का को दी गयी. पर चार माह बाद तक वे कुछ भी निर्णय नहीं ले पाये हैं. अब जब सभी 120 कर्मियों ने काम के बहिष्कार का फैसला किया है, तो इससे जिला स्तर पर सरकार की सभी योजनाओं को मीडिया तक पहुंचाने में कई तरह की परेशानी हो सकती है.
कंपनी ने कहा, कर्मी फैसला लेने को स्वतंत्र
जूम मीटिंग करने के बाद जब एक कर्मी ने कंपनी के एचआर मुकेश सिन्हा से पूरे मामले की जानकारी ली. जानकारी में उन्हें बताया गया कि आप सब अपने लिए निर्णय लेने में स्वतंत्र है. जब उनसे पूछा गया कि चार माह का पैसा और पीएफ की राशि कंपनी क्यों नही भुगतान करती है, तो एचआर ने कहा, विभाग पेमेंट ही नहीं कर रहा है, तो हम क्या करें.
बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर उठाया सवाल
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी कर्मियों की स्थिति को देख सरकार पर हमला बोला है. बाबूलाल ने लिखा है कि नियुक्ति वर्ष में खोखले वादों के बाद झारखंड सरकार अब लोगों की नौकरियां भी छिनने में लगी है.
नियुक्ति वर्ष जैसे खोखले वादों के बाद झारखंड सरकार अब लोगों की नौकरियां छिनने में लगी है।@prdjharkhand में बाह्य स्रोत से संविदा में काम कर रहे एपीआरओ, एसमपीओ सहित करीब 120 कर्मी विगत 4 महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे हैं।
सरकार ने कंपनी का ही एग्रीमेंट रिन्यू नहीं किया है।— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 1, 2022
आईपीआरडी में बाह्य स्रोत से संविदा में काम कर रहे एपीआरओ, एसएमपीओ सहित 120 कर्मी चार माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं. सरकार ने कंपनी का ही एग्रीमेंट रिन्यू नहीं किया है.
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