LagatarDesk : केंद्र सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. इस बीच बैंक ने अपनी दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किये हैं. सितंबर तिमाही में आईडीबीआई बैंक के मुनाफे में 46 फीसदी का जबरदस्त उछाल आया है. इस सरकारी बैंक का नेट प्रॉफिट 828.09 करोड़ हो गया. पिछले साल की समान समयावधि में आईडीबीआई बैंक का नेट प्रॉफिट 567.12 करोड़ रहा था. आईडीबीआई बैंक ने बीएसई फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, क्यों जारी है जुबानी जंग, लंबोदर का योगेंद्र के संग)
6065.51 करोड़ रहा आईडीबीआई बैंक का टोटल इनकम
बीएसई फाइलिंग में जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर तिमाही में आईडीबीआई बैंक की कुल आय बढ़कर 6065.51 करोड़ हो गयी. पिछले साल समानवधि में कंपनी की आय 5,129.92 करोड़ रुपये थी. इस दौरान बैंक का नेट ब्याज इनकम, अर्जित ब्याज और खर्च किये गये ब्याज के बीच अंतर भी 47.7 प्रतिशत बढ़ा है. सितंबर तिमाही में यह बढ़कर 2,738 करोड़ हो गया. सालाना आधार पर बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 135 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 4.37 फीसदी हो गया है.
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दूसरी तिमाही में बैंक के एनपीए में भी आया सुधार
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में बैंक के नॉन परफॉर्मिंग एसेट में सुधार हुआ है. आईडीबीआई बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर 16.51 फीसदी पर आ गया है. यह पिछले साल की समान समयावधि के ग्रॉस लोन की तुलना में 21.85 फीसदी पर था. इतना ही नहीं आईडीबीआई बैंक का शुद्ध एनपीए भी 1.71 फीसदी से घटकर 1.15 फीसदी रह गया है.
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सरकार ने आईडीबीआई के लिए मंगाया है ईओआई
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी 2021 में बजट पेश करते हुए आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था. लेकिन कोरोना के कारण इसे टाल दिया गया. लेकिन कोरोना के मामले में कमी आने के बाद केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक के लिए ईओआई मंगाया है. इसे जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर है.सभी ईओआई 180 दिनों के लिए वैध होंगे. इस बैंक को खरीदने में श्रीराम ग्रुप ने दिलचस्पी दिखाई है. 30 जून 2022 तक के डाटा के अनुसार, आईडीबीआई बैंक में केंद्र सरकार और एलआईसी की कुल हिस्सेदारी 94.72 फीसदी है. इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45.48 फीसदी है. वहीं एलआईसी का हिस्सा 49.24 फीसदी है.
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