Krishna Mishra
बहुत से राजनीतिक पंडित पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुकाबला भाजपा बनाम तृणमूल का बताकर लेफ्ट कांग्रेस और बाकी दलों को खारिज कर रहे हैं. लेकिन ग्राउंड पर ऐसी स्थिति नहीं है. सबसे पहले लोगों को ये जान लेना चाहिए कि यह विधानसभा का चुनाव है और बंगाल में मुख्य विपक्ष लेफ्ट+कांग्रेस ही है. इनके पास विधानसभा की 80 से अधिक सीटें हैं. जबकि बीजेपी के पास सिर्फ 3 सीट है.
वर्ष 2017 के बाद के विधानसभा चुनाव को देखें तो अधिकांश में बीजेपी या तो चुनाव हारी है या जहां वह सत्ता में मौजूद थी, उसे बड़ी मुश्किल से बचा पायी है. आम लोग बंगाल चुनाव का मूल्यांकन लोकसभा चुनाव परिणाम की तर्ज पर कर रहे हैं. लेकिन जमीन पर ऐसे हालात नहीं हैं. भाजपा पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में मजबूत जरूर है, लेकिन यदि आप लोकसभा चुनाव से तुलना करें, तो उनकी स्थिति कमजोर हुई है. कई स्थानीय लोग बातचीत में बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस के वोटर पूरी तरह भाजपा में चले गये थे, जो अब वापस लौट रहे हैं.
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बंगाल का राजनैतिक कल्चर लेफ्टिस्ट रहा है और केंद्र की मोदी सरकार की कारपोरेट समर्थक नीतियों की वजह से जो लेफ्ट समर्थक बीजेपी के पाले में चले गये थे, वो लौट रहे हैं. बहुत सारे पत्रकार मित्र लेफ्ट कांग्रेस गठबंधन के मजबूत होने पर भाजपा का फायदा देख रहे हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. चूंकि बीजेपी के पास लेफ्ट से ही गया वोट है इसलिए उसके वापस आने पर सीधे तौर पर बीजेपी को ही नुकसान होगा.
आंकडों की बात करें तो 2016 के विधानसभा चुनाव में TMC को 24564523 (44.91%) वोट मिले थे. जबकि लोकसभा चुनाव में TMC को 24757345 (43.3%) वोट मिले. जो बताता है कि TMC का वोटर अब भी उसके साथ मजबूती से खड़ा है. लेकिन जब बात लेफ्ट और कांग्रेस की होगी, तो इसमें बड़ा फर्क नजर आयेगा. 2016 के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस को 17502996 (32%) वोट मिले. जबकि लोकसभा चुनाव 2019 में सिर्फ 6804774 (12%) वोट मिले और इनके वोट शेयर में 20% से अधिक की गिरावट आयी. यही वह वोट है जो भाजपा की तरफ शिफ्ट हुआ और लोकसभा में अप्रत्याशित परिणाम आया. इसकी पुष्टि आंकड़े भी करते हैं. 2016 विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा सिर्फ 5555134 (10.16%) वोट लेकर आयी थी, वहीं लोकसभा 2019 में उसका वोट बढ़कर 23028517 (40.7%) हो गया था. कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में जिस तरह से कांग्रेस + लेफ्ट की एक बेहद सफल रैली हुई है, उससे स्पष्ट है कि ये TMC की कम और भाजपा की चिंता अधिक बढ़ाने वाली है. यदि लेफ्ट कांग्रेस के वोटर वापस उसके खेमे में लौटे, जो लौटते दिखाई भी दे रहे हैं, तो बीजेपी के लिए बंगाल में मुख्य विपक्ष बनना भी सपना हो जायेगा.
डिस्क्लेमरः ये लेखक के निजी विचार हैं.
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