Ranchi : शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो द्वारा शिक्षक नियुक्ति में खतियानी को नौकरी देने की बात का मूलवासी-सदान मोर्चा ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार गंभीर है तो इसके लिए कानूनी अड़चनें को भी समझना पड़ेगा. श्री प्रसाद ने सुझाव देते हुए कहा कि खतियानी लोगों की नौकरी देनी है, तो चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति के लिए पंचायत को आधार बनाने और तृतीय वर्ग के लिए प्रखंड को आधार बनाना होगा. इसके लिए खतियानी लोगों को 10 प्रतिशत ग्रेस मार्क्स के साथ राज्य सरकार अपने अधिकार आर्टिकल 16-4 का भी उपयोग करे, तभी खतियानी लोगों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी मिल सकेगी. श्री प्रसाद ने राजनीतिक दलों से नियोजन नीति के मामले पर राजनीति नहीं करने का आग्रह किया.
सरकार और प्रतिपक्ष मिलकर काम करें
उन्होंने कहा कि झारखंडियों के अधिकार के लिए सरकार और प्रतिपक्ष मिलकर काम करें. संवैधानिक प्रतिक्रिया का पालन करते हुए सरकार पिछड़ी जातियों के साथ- साथ मूलवासी सदान से आने वाले सवर्ण समुदायों के लोगों का भी जातीय जनगणना और सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक स्थिति का सर्वेक्षण कराए जिससे कानूनी दांवपेंच से बचा जा सके. प्रसाद ने कहा ऐसा ना हो कि जिस तरह से पंचायत और नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को उनके अधिकार से वंचित किया गया, उसी तरह झारखंडियों को शिक्षक नियुक्ति में वंचित ना होना पड़े. अब सरकार की जिम्मेदारी है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है, तो ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की ईमानदारीपूर्वक पहल करे. उन्होंने कहा कि मूलवासी सदानों समुदाय को कैसे उनको नौकरी दी जा सकती है. उसका निवारण सरकार को ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए. सरकार को तुरंत जो 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य है को शिक्षक नियुक्ति से पहले उसमें भी सुधार करने की मांग सरकार से की है. झारखंड के मूलवासी सदानों को अधिकार देना है तो कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना होगा. इसके लिए सदान समुदाय से आने वाले सभी लोगों का जातीय जनगणना के साथ सामाजिक आर्थिक राजनीतिक स्थिति का सर्वेक्षण कराना होगा, तभी खतियानी लोगों को खासकर मूलवासी सदानों को उनका अधिकार मिल सकेगा.
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