NewDelhi : अगर स्वतंत्र न्यायपालिका का आखिरी गढ़ गिर जाता है, तो देश अंधकार के रसातल में चला जायेगा. कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किये गये नामों को रोकना लोकतंत्र के खिलाफ घातक है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन ने यह बात कही. जस्टिस नरीमन ने शुक्रवार को न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के खिलाफ केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की हालिया टिप्पणी की आलोचना की है.

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किरेन रिजिजू बार-बार कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं
बता दें कि न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच गतिरोध के बीच जस्टिस नरीमन की यह टिप्पणी आयी है. किरेन रिजिजू बार-बार कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी न्यायपालिका की तुलना में विधायिका की शक्तियों पर मूल संरचना के सिद्धांत को उठाते हुए एनजेएसी अधिनियम को निरस्त करने को संसदीय संप्रभुता से गंभीर समझौता कहा है.

जजों की नियुक्ति : सरकार और Collegium के बीच खींचतान
जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और कॉलेजियम (Collegium) के बीच खींचतान कम नहीं हो रही है. केंद्र सरकार जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम सिस्टम में अपना प्रतिनिधित्व चाहती है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार का काम कॉलेजियम द्वारा भेजे गये नामों को आंख मूंदकर अप्रूव करना नहीं है.

