Ranchi : एक्स-रे कराना है तो बाद में आइए। यही कहते हैं रिम्स के कर्मचारी, जब भी कोई मरीज या परिजन एक्स-रे कराने आते हैं. अगर गंभीर मरीज भी एक्स-रे के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें भी तीन से चार बार अलग-अलग समय में बुलाया जाता है. अस्पताल के ही ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉ गोविंद गुप्ता यूनिट में भर्ती मरीज 45 वर्षीय काशी महली का बीते बुधवार को पैर टूट गया था. उनका ऑपरेशन होना था.
डॉक्टर ने पैर का एक्स-रे लिखा. परिजन मरीज को लेकर शनिवार की सुबह करीब नौ बजे एक्स-रे कराने पहुंचे. उस वक्त उन्हें अभी नहीं होगा…कहकर वापस लौटा दिया गया. वे दोपहर दो बजे दोबारा गए, इस बार भी उन्हें सोमवार को आने की बात कहकर वापस कर दिया गया. जब वे करीब 3:30 बजे डॉक्टर को लेकर रेडियोलॉजी विभाग पहुंचे, तब आधा घंटा इंतजार कराने के बाद गंभीर मरीज का एक्स-रे किया गया. यह एक मामला नहीं है. हर दिन रिम्स में एक्स-रे के लिए 300 से अधिक लोग पहुंचते हैं. एक्स-रे की चार मशीनें हैं. इसके बाद भी समय पर एक्स-रे नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ती जाती है.
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लापरवाही से कर दिया गलत एक्स-रे, दोबारा कराया घंटों इंतजार
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देवेंद्र प्रसाद की उम्र 70 साल है और वे देवघर जिले के रहने वाले हैं. सोमवार को सांस लेने में परेशानी और चेस्ट इंफेक्शन के कारण रिम्स में भर्ती किया गया था. बीमारी पकड़ में नहीं आने के कारण डॉक्टर ने चेस्ट एक्स-रे लिखी, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक्स-रे अच्छे से नहीं हो सका. डॉक्टर ने जहां का एक्स-रे लिखा था, उससे थोड़ा ऊपर का एक्स-रे इन्होंने कर दिया था. रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने दोबारा एक्स-रे के लिए भेजा, जिसके बाद कर्मचारियों ने उन्हें तीन घंटे से अधिक इंतजार कराया. परिजन संतोष सुमन सिन्हा ने बताया कि मरीज को खाने में भी काफी परेशानी हो रही है. 10 दिनों से उन्होंने ठीक से खाना भी नहीं खाया है. एक्स-रे में देरी होने के से स्ट्रेचर में पड़े-पड़े तबीयत और खराब हो गई.
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