Rishi Ranjan (RYT200 PGDY, IYEC. Masters In Yogic Science)
LagatarDesk : विभिन्न पशु-पक्षियों की मुद्राओं से सीखकर मनुष्य ने योग विद्या की रचना की है. योग सिर्फ मनुष्य को स्वस्थ रखने के लिए ही नहीं है. असल में ये हमें जीवन जीने का तरीका बताते हैं और हमें भीतर से स्वस्थ बनाते हैं. ऐसा ही एक आसन भुजंगासन भी है. जिसके नियमित अभ्यास से हमें ढेरों फायदे मिलते हैं. इसीलिए इस आर्टिकल में आपको भुजंगासन से जुड़ी हर चीज के बारे में बतायेंगे, जो इस आसन को करने से पहले हमें जानने की जरूरत है.
क्या है भुजंगासन ?
भुजगासन, सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से 8वां है. भुजंगासन को सपसन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है. इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है. ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है. जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है.
भुजंगासन करने से पहले कुछ अहम बातें :
- भुजंगासन का अभ्यास खाली पेट ही करना चाहिए. आसन करने से 3-4 घंटे पहले भोजन किया जाना चाहिए. इससे हमारे पेट में गये भोजन को पचने लिए पर्याप्त समय मिल जाता है. पचे हुए भोजन से मिलने वाली ऊर्जा से आपको आसन करने में आसानी होगी.
- भुजंगासन के अभ्यास का सबसे सही समय सुबह का होता है. लेकिन अगर किसी कारण से आप सुबह इस आसन को नहीं कर पाते हैं तो आप इस आसन का अभ्यास शाम को भी कर सकते हैं.
कैसे करें भुजंगासन
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- पेट के बल जमीन पर लेट जाएं. फिर अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें.
- अब अपने शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालें, सांस भीतर खीचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें.
- इसके बाद अपने सिर को पीछे की तरफ खीचें और अपनी छाती को भी आगे की तरफ निकालें. सिर को सांप के फन की तरह खींचकर रखें. लेकिन ध्यान दें कि आपके कंधे कान से दूर रहें और कंधे मजबूत बने रहें.
- इसके बाद अपने हिप्स, जांधों और पैरों से फर्श की तरफ बढ़ाएं.
- शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रखें और सांस की गति सामान्य बनाए रखें. ऐसा महसूस करें कि आपका पेट फर्श की तरफ दब रहा है. लगातार अभ्यास के बाद आप इस आसन को 2 मिनट तक भी कर सकते हैं.
- अब सामान्य स्थिति में आने के लिए धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए इसके विपरीत आसान बालसना में आ जाये और धीमी गति से दो मिनट तक सांस लें.
वीडियो में देखें कैसे करें भुजंगासन
सावधानी और चेतावनी :
- गर्भवती महिलाओं, हर्निया और अल्सर से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए. यदि आपने हाल ही में पेट का ऑपरेशन करवाया है तो कम से कम तीन महीने तक इस आसन के अभ्यास से बचें.
- किसी भी आसन का अभ्यास अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए. इसलिए अगर आप इस आसन को करते वक्त किसी भी तरह की परेशानी महसूस करती है तो इसका अभ्यास ना करें.
- अगर आपको आसन के अभ्यास करने के बाद पेट में दर्द या शरीर के अन्य किसी हिस्से में दर्द महसूस होता है तो इस आसन का अभ्यास बंद कर दें.
- अगर हाल ही में आपने किसी शारीरिक घाव या इंजरी का सामना किया है तो अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही इस आसन का अभ्यास करें.
भुजंगासन के फायदे :
- भुजंगासन के अभ्यास से पेट सही रहता है. यह पेट की मसल्स को स्ट्रेच करने में मदद करता है और एब्डोमिनल ऑर्गन्स को बेहतरी से काम करने के लिए उत्तेजित करता है. इस आसन के अभ्यास से गैस्ट्रोइन्टेस्टिनल फ्लुइड (gastrointestinal fluid) स्टिमुलेट होते हैं जिससे गट (gul) हेल्दी रहता है.
- कोबरा पोज का अभ्यास करने से स्पाइन, ग्लूटियल मसल्स, आर्म्स, कंधे और जांघे मजबूत होती हैं. इसके अलावा यह फ्लैक्सबिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है और शारीरिक संतुलन बनाता है.
- भुजंगासन करने से कमर के दर्द को ठीक करने और इससे राहत पाने में मदद मिल सकती है. बहुत देर तक बैठे रहने और अधिक मूवमेंट ना करने के कारण होने वाले कमर और गर्दन दर्द से राहत पाने के लिए आप भुजंगासन का अभ्यास कर सकते हैं. यह कमर को स्ट्रेच करके मसल्स को खोलने में मदद करता है.
- भुजंगासन का अभ्यास अस्थमा के रोगियों के लिए लाभकारी होता है. इस आसन की प्रैक्टिस करते वक्त जब हम सिर ऊपर की ओर उठाते हैं तो सीने को भी ऊपर की ओर खींचना होता है जिससे कंजेशन को कम करने और फेफड़ों को फैलाने में मदद मिलती है. इससे अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है.
- भुजंगासन आपके मूड को बेहतर करने में भी मदद करता है. यह शारीरिक थकान को कम करता है और दिमाग को शांत करने में मदद करता है.
भुजंगासन के पीछे का विज्ञान
यह आसन हमारे चक्र को भी खोलने में अहम भूमिका निभाता है. जैसे भुजंगासन के अभ्यास से हमारे शरीर के 7 में से 4 चक्रों को खोलने में मदद मिलती है. ये 4 चक्र है- विशुद्धि चक्र, अनाहत चक्र, मणिपूर चक्र और स्वाधिष्ठान चक्र. अगर इस आसन के अभ्यास के दौरान आंखों को खुला रखा जाये तो आंखों की नर्व्स और नेत्र ज्योति को बढ़ाने में मदद मिलती है.
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आप अच्छी तरह समझ गये होंगे कि भुजंगासन योगा करने से आपको किस तरह के फायदे मिल सकते हैं.