(Rishi Ranjan (RYT200, PGDY, IYEC , Masters In Yogic Science)
LagatarDesk : योग, जीवन शक्ति का चार्जर है. शहरों की तेज दौड़ती जिंदगी में कई समस्याएं आने लगती हैं. ये समस्याएं न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक भी होती हैं. इन समस्याओं में सबसे प्रमुख समस्या टेंशन, तनाव, स्ट्रेस, डिप्रेशन या अनिद्रा/इंसोम्निया की है.
सर्वांगासन को योगासनों की रानी कहा जाता
भारत के महान योग गुरुओं ने इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सर्वांगासन की रचना की है. सर्वांगासन को सभी योगासनों की मां या रानी (Mother of all Yoga Poses) कहा जाता है. क्योंकि ये आसन न सिर्फ शरीर बल्कि मन को भी फायदा पहुंचाता है. इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको सर्वांगासन क्या है. सर्वांगासन करने के फायदे, इसे करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में बतायेंगे.
क्या है सर्वांगासन?
सर्वांगासन संस्कृत शब्द है. जिसका शाब्दिक अर्थ है सभी अंगों का आसन. सर्वांगासन तीन शब्दों से मिलकर बना है. पहला शब्द सर्व जिसका अर्थ होता है पूरा या संपूर्ण. दूसरा शब्द अंग जिसका अर्थ भाग या हिस्से से है. तीसरा शब्द आसन जिसका अर्थ किसी विशेष स्थिति में खड़े होने, लेटने या बैठने से है. सर्वांगासन को कंधे के बल पर उल्टा खड़े होकर किया जाता है. इसी वजह से इसे कंदरासन (Kandrasana) भी कहा जाता है.
सर्वांगासन करने का सही तरीका :
- सर्वांगासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं.
- असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें.
- कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें.
- आसन से पहले वॉर्मअप करें ताकि कोर मसल्स एक्टिव हो जाएं.
- किसी भी असुविधा या दर्द महसूस होने पर आसन का अभ्यास बंद कर दें.
- पहली बार ये आसन कर रहे हैं तो किसी योग गुरु की देखरेख में करें.
सर्वांगासन करने की विधि
सबसे पहले अपनी पीठ के बल लेट जाएं. फिर अपने पैर, कूल्हे और कमर को उठाएं. सारा भार अपने कंधों पर ले लें. पीठ को अपने हाथों से सहारा दें. ताकि संतुलन न बिगड़े. कोहनियों को जमीन पर टिकाते हुए और हाथों को कमर पर रखते हुए, अपनी कमर और पैरों को सीधा रखें. शरीर का पूरा भार कंधों और हाथों के ऊपरी हिस्से पर लें. पैरों को सीधा रखें. पैरों की उंगलियों को नाक की सीध में ले आएं. लंबी गहरी सांस लें और 30 सेकंड तक आसन में रहें.
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सर्वांगासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें :
- सर्वांगासन का अभ्यास सुबह के वक्त ही किया जाना चाहिए.
- अगर शाम में इस आसन कर रहे हैं तो भोजन के 3 से 4 घंटे बाद ही इस आसन को करें.
सर्वांगासन से होने वाले शारीरिक फायदे
कंधों और गर्दन को मजबूत बनाता है यह आसन
सर्वांगासन कंधों को मजबूत बनाकर टोन करता है. ये आसन उन लोगों के लिए भी बेहतर काम करता है. जिनके कंधे कमजोर और झुके हुए हो. वहीं सर्वांगासन के नियमित अभ्यास से स्पॉन्डलाइटिस (Spondylitis) या गर्दन अकड़ने (Stiff Neck) की समस्या भी दूर हो जाती है.
रनर्स के लिए उपयोगी है ये आसन
सर्वांगासन टांगों को, हैमस्ट्रिंग और पिंडली की मांसपेशियों को टोन करता है. एथलीट्स खासतौर पर दौड़ने वालों के लिए यह योगासन बहुत उपयोगी है. ये टांगों में रक्त संचार को वापस भेजता है. इससे टांगों की मांसपेशियों में वापस लौटने वाले रक्त से दौड़ने के दौरान होने वाली मसल्स की थकान की समस्या दूर हो जाती है.
पीठ को मजबूत करता है सर्वांगासन अभ्यास
पीठ को उठाने और शरीर को बैलेंस करने से पीठ को मजबूत बनाने में मदद मिलती है.
रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता
सर्वांगासन रीढ़ की हड्डी में ताकत और लचीलापन बढ़ाता है. इससे नर्व्स सिस्टम के काम करने की क्षमता बढ़ती है.
ग्रं
थियों को उत्तेजित करता है आसन
सर्वांगासन थायरॉयड और पैराथायरॉयड ग्रंथियों को स्टिमयुलेट करता है. इससे पुरुषों और स्त्रियों में हार्मोन का बैलेंस बनाने में मदद मिलती है.
दिमाग को तेज करता है सर्वांगासन
रक्त का संचार वापस लौटकर दिमाग में जाता है. इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ाने में मदद मिलती है. जिससे दिमाग तेज होता है.
हृदय की मांसपेशियां होती हैं स्ट्रेच
सर्वांगासन करते हुए हृदय की मांसपेशियों को ज्यादा काम करना पड़ता है. चूंकि इससे हृदय को वापस और उल्टी दिशा में रक्त पंप करना पड़ता है. इससे हृदय की मांसपेशियों को अच्छी स्ट्रेचिंग मिलती है और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.
पाचन और कब्ज की समस्या होती है दूर
सर्वांगासन के अभ्यास से पाचन सुधरता और कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है. भोजन के सही पाचन से रोजमर्रा के जीवन को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है.
वेरिकोज वेन की समस्या से मिलती है राहत
वेरिकोज वेन एक समस्या है, जिसमें टांगों की नसें मोटी हो जाती हैं और स्किन पर उभरी हुई दिखने लगती हैं. सर्वांगासन में जब टांगें उठाई जाती हैं तो वापस लौटते रक्त से वेरिकोज वेन की समस्या में राहत मिलती है.
आंखों की बढ़ती है रोशनी
दिमाग की ओर वापस लौटने वाले रक्त की अधिक मात्रा के कारण आंखों की रोशनी भी ठीक होने लगती है.
वेट लॉस में भी मददगार
सर्वांगासन के अभ्यास से पेट, हिप्स, जांघों और नितंबों के चारों तरफ जमा हुआ फैट हटाने में मदद मिलती है.
कई डिसऑर्डर के लक्षणों को दूर करता है आसन
सर्वांगासन को कई डिसऑर्डर और समस्याओं के लक्षणों को दूर करने के लिए भी किया जाता है. इन लक्षणों में थायरॉयड डिसऑर्डर (Thyroid Disorders), अस्थमा (Asthma), रीप्रोडक्टिव सिस्टम (Reproductive Problems), सिरदर्द (Headaches) , माइग्रेन (Migraines), डायबिटीज (Diabetes), इंसोम्निया (Insomnia), हाइपरटेंशन (Hypertension), वेरिकोज वेन (Varicose Veins), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), साइनोसाइटिस (Sinusitis), डिप्रेशन (Depression) और हाइपो थायरॉयडिज्म (Hypothyroidism) आदि शामिल हैं.
सर्वांगासन करने में क्या सावधानी बरती जाए :
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज सर्वांगासन का अभ्यास न करें.
- डायरिया की शिकायत होने पर कभी भी ये आसन नहीं करना चाहिए.
- घुटनों में समस्या या आर्थराइटिस होने पर सर्वांगासन नहीं करना चाहिए.
- अगर गर्दन में दर्द की समस्या है तो आसन करते समय गर्दन न मोड़ें.
- शुरुआत में सर्वांगासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें.
- संतुलन बनने पर आप खुद भी ये आसन कर सकते हैं.
- सर्वांगासन का अभ्यास शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
सर्वांगासन मेटाबॉलिज्म को करता है एक्टिवेट
सर्वांगासन, योग विज्ञान का बहुत अच्छा आसन है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है. सर्वांगासन न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को एक्टिवेट करता है बल्कि आपके दिमाग को स्थिर रखने में भी मदद करता है. और आज की दुनिया में बैलेंस बनाकर रखना ही सबसे जरूरी चीज है. सर्वांगासन बैलेंस बनाने से जुड़ी इसी खूबी को आपके शरीर में विकसित करने में मदद करता है. सर्वांगासन का अभ्यास करने के लिए आपकी गर्दन और कंधे इतने मजबूत होने चाहिए कि पूरे शरीर का वजन उठा सकें. शुरुआती दौर में इस आसन को करने के लिए किसी योग्य योग शिक्षक से मार्गदर्शन जरूर लें.