Ranchi: निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अगर वे सचमुच 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करना चाहते हैं तो इस संबंध में हाईकोर्ट के पांच जजों की बेंच के 2002 में दिए गए फैसले को चुनौती दें.
सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वो अहम-सरयू
सरयू राय ने कहा कि 11 जनवरी 2007 को सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच का फैसला है कि जिस मामले में कोर्ट का निर्णय हुआ है, उसे नौवीं अनुसूची में डालने पर कोर्ट उसकी न्यायिक समीक्षा करेगा. उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि केंद्र सरकार चाहे भी तो 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता के निर्णय को न्यायिक समीक्षा के बिना संविधान की 9वीं अनुसूची में नहीं डाला जा सकता, भले ही यह निर्णय झारखंड विधानसभा से अधिनियम के रूप में पारित क्यों न हो जाए.
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