DHANBAD: धनबाद जिले में अवैध कोयला कारोबार ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. अब विधानसभा स्तरीय सिंडिकेट द्वारा खाकी, खादी, स्थानीय दबंग और कुछ मीडिया कर्मियों को उसके कद के अनुसार मैनेज किया जा रहा है. अवैध कारोबार से जुड़े लोग संबंधित विभाग को सेटिंग के लिए अलग अलग लोग पैसे पंहुचाते हैं. धनबाद में भी लिस्ट बना कर कोयला माफिया से पैसा उठाया जा रहा है.
सिंडिकेट चला रहे कोयला तस्करी
जानकारी के अनुसार विभिन्न थाना क्षेत्रों में सबसे ऊपरी पायदान पर निरसा, बाघमारा, झरिया और बलियापुर के सिंडिकेट शामिल हैं. निरसा के राय और गोप सिंडिकेट ने चिरकुंडा, निरसा, पंचेत, मैथन, गल्फरबाडी, कालूबथान, कुमारधुबी क्षेत्र में दर्जनों कोयला माफिया को परमिशन दिला रखा है. इधर बाघमारा के रतिलाल, वशिष्ठ, ओझा, यादव, शर्मा, रिंकू, पप्पू, निरंजन सिंडिकेट द्वारा बाघमारा, मधुबन, बरोरा, कतरास, महुदा, तेतुलमारी, जोगता, भाटडीह, सोनारडीह, धर्माबांध, रामकनाली, ईस्ट बसुरिया, कपूरिया में कारोबार चल रहा है. झरिया क्षेत्र के एस चांदना, चौहान, जी यादव ग्रुप द्वारा अलकडीहा, झरिया, धनुडीह, पाथरडीह, सुदामडीह, लोदना, बोर्रागढ़ में डंके की चोट पर कोयला तस्करी हो रही है.
मलाईदार थानों और ओपी की कमाई लाखों में
सूत्र बताते हैं कि कोयला क्षेत्र में आने वाले संबंधित थाने और ओपी अवैध कमाई से गुलजार हैं. एक एक थाना क्षेत्र में 5 से 7 तस्कर सिंडिकेट कार्य कर रहे हैं. प्रति सिंडिकेट से थाने को मिलने वाला नजराना लाखों में है. मलाईदार थानों और ओपी को तो बतौर बोली लगाकर जिम्मानामा सौंपा जाता है. जीटी रोड स्थित थानों की बोली 40 से 70 लाख के दायरे में लगाई जा रही है. मांग की पूर्ति कर उक्त क्षेत्र को सिंडिकेट के हवाले कर दिया जाता है, जो बड़े-छोटे सभी का ख्याल रखते हैं.
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