Satya Saran Mishra
Ranchi : धनबाद जिले में माफिया के लिए कोयला सोना और गरीबों के लिए काल बन गया है. जिले में हर महीने कहीं न कहीं अवैध कोयला गरीब मजदूरों पर मौत का पहाड़ बनकर गिरता है. गुरुवार को भी तेतुलमारी में चाल धंसने से चार लोगों की मौत हो गई. इससे पहले पिछले चार सालों में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. सिर्फ जनवरी से मार्च 2023 तक अलग-अलग खदानों में हुए हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है, लेकिन पुलिस के पास अवैध खनन से हुई मौतों का रिकॉर्ड नहीं है. न एफआईआर होती है और न कार्रवाई होती है.
राज्य के खान एवं भूतत्व विभाग के मुताबिक 4 साल में झारखंड में अवैध खनन के दौरान सिर्फ 6 लोगों की मौत हुई है और इससे संबंधित एफआईआर धनबाद के निरसा थाने में दर्ज हुई है. 2019 में अवैध खनन के दौरान चाल धंसने से सिर्फ एक व्यक्ति की मौत हुई है. 4 साल में अवैध खनन को लेकर 3550 एफआईआर दर्ज की गयी है. 2019 में 379, 2020 में 842, 2021 में 727 और 2022 में अक्टूबर महीने तक 1602 एफआईआर दर्ज हुई हैं. यानी 3550 एफआईआर दर्ज हुई है.
सिर्फ 15 महीने में ही हुई है 30 मौतें
23 मार्च 2023: तेतुलमारी में चाल धंसने से चार लोगों की मौत
18 नवंबर 2022 : कापासारा में चाल धंसी, 30 लोग फंसे, प्रशासन का इनकार
26 मई 2022: रामकनाली ओपी क्षेत्र में चाल धंसने से एक की मौत, 3 घायल
22 मई 2022 : श्यामपुर में अवैध खनन के दौरान 1 की मौत
19 मई 2022: श्यामपुर में अवैध खनन के दौरान 3 की मौत
9 मई 2022 : कापासारा में अवैध खनन के दौरान 3 की मौत, 3 घायल
21 अप्रैल 2022: डुमरीजोड़ में चाल धंसी, 40 लोग फंस गये, प्रशासन का इनकार
21 मार्च 2022: मुगमा में अवैध खनन के दौरान 3 की मौत
3 मार्च 2022: कापासारा में अवैध खनन में चाल धंसने से दो की मौत
1 फरवरी 2022: कापसारा में चाल धंसने से दो की मौत, 1 घायल
1 फरवरी 2022: गोपीनाथपुर में अवैध खनन में 10 लोगों की मौत
6 जनवरी 2022: पंचेत में अवैध खनन में एक युवक की मौत
हादसे के बाद शवों को गायब कर देते हैं माफिया और परिवार के लोग
धनबाद में कोल कंपनियां बीसीसीएल और ईसीएल ने कई जगहों पर कोयला खदानों को छोड़ चुकी हैं. जिले में 23 खदानें बंद हैं, जिनमें लगातार अवैध खनन हो रहा है और आये दिन हादसे में गरीब मजदूर अपनी जान गंवा रहे हैं. माफिया, स्थानीय पुलिस और बीसीसीएल अफसरों की मिलीभगत से अवैध खनन का धंधा सालों से चल रहा है. कोयला माफिया स्थानीय गरीब मजदूरों से इन बंद खदानों में अवैध खनन करवाते हैं. मजदूरों को प्रतिदिन 400 से 1000 रुपये की कमाई होती है. मजदूर खदानों में करीब 350 मीटर तक अंदर जाकर कोयला काटते हैं और उसे निकालते हैं. हादसा होने के बाद खनन माफिया फौरन शवों को गायब करने में लग जाते हैं. मृतक के परिवार वालों को डराया जाता है कि अगर मामला पुलिस तक पहुंचा, तो पूरा परिवार जेल जाएगा. ऐसे में डर से लोग चुपचाप शवों का अंतिम संस्कार कर देते हैं और अवैध खनन से मौत का मामला यही दफन हो जाता है.
इन इलाकों की माइंस में हो रहा अवैध खनन
कतरास थाना: आकाश कनाली, कौलूडीह, मलकेरा, कोसलपुर रोड, बुटूबाबू का बंगला, रामकनाली माइंस
सोनारडीह थाना: मात्र तीन किलोमीटर दूर तेतुलिया माइंस में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है.
बाघमारा थाना: भीम कनाली, नदखरकी, जमुनिया, टुंडो से लेकर नदखरकी, जमुनिया इलाके में लगभग 10 अवैध कोल डिपो हैं.
महुदा थाना: भाड़डीह, लाल बंगला एरिया में अवैध खनन हो रहा है.
पुटकी-भागाबांध थाना: दोनों थानों के बीच खैरा माइंस में अवैध खनन हो रहा है
केंदुआडीह-धनसारथाना: दोनों थानों के बीच काली बस्ती माइंस में अवैध खनन
लोयाबाद- जोगता थाना : दोनों थानों के बीच स्थित सेंद्रा माइंस में भी अवैध खनन
झरिया के राजापुर, बस्ताकोला, बलियापुर, बरोरा, कुसुंडा, करकराबाद, बहादुरपुर, लाहरबेरा के माइंस से भी बडे़ पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है.
माफिया- अफसर और नेताओं के गंठजोड़ से अवैध खनन
अधिकतर बंद खदानों में रात में खनन होता है. सिर्फ धनबाद जिले के मजदूर ही खनन में नहीं लगाए जाते हैं, बल्कि माफिया तत्व बंगाल से भी मजदूरों को लाकर अवैध खनन करवाते हैं. कोयला माफिया सभी मजदूरों पर नजर रखते हैं. यह कोशिश रहती है कि कोई बाहरी व्यक्ति उनके संपर्क में न आये. खनन माफिया मजदूरों का ऐसा ब्रेनवॉश करते हैं कि ये लोग थोड़े से पैसों की लालच में अपनी जान को दांव पर लगाकर रात के अंधियारे में काली सुरंगों में घुस कर अवैध खनन कार्य में जुटे रहते हैं. बताया जाता है कि बीसीसीएल कई अधिकारी और इलाके के कई नेता इस अवैध खनन में शामिल हैं. माफिया, अफसर व नेताओं के गंठजोड़ से हो रहा अवैध खनन.